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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, शिवसेना सांसद संजय राउत और एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने दिल्ली स्थित संविधान क्लब पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हम इस टेबल पर महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ने वाले सभी विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम चुनाव से संबंधित कुछ जानकारी साझा करने जा रहे हैं। हमने मतदाता सूची और वोटर्स का अध्ययन किया है। हमारी टीम ने इस पर काम किया और हमें कई अनियमितताएं मिली हैं।” उन्होंने आगे कहा, “देश के लिए, खासकर उन युवाओं के लिए जो लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, इन निष्कर्षों के बारे में जागरूक होना और समझना जरूरी है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हमने महाराष्ट्र के वोटर्स और वोटर लिस्ट की स्टडी की, हमारी टीम काम कर रही हैं और हमें कई अनियमितताएं मिली हैं।”
राहुल गांधी ने बताया कि 2019-2024 के बीच 32 लाख मतदाता जुड़े, जबकि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 39 लाख नए मतदाता जुड़े। महाराष्ट्र के मतदाता अब महाराष्ट्र की वयस्क आबादी से भी ज्यादा हो गए हैं। हम सिर्फ लोकसभा और विधानसभा चुनावों के वोटर लिस्ट की मांग कर रहे हैं।” उन्होंने आगे बताया कि विधानसभा 2019 और 2024 के बीच 32 लाख वोटर्स थे, जबकि लोकसभा 2024 और विधानसभा 2024 के बीच 39 लाख वोटर्स थे। यह अतिरिक्त मतदाता कहां से आए हैं? पांच साल में जितने वोटर्स जोड़े गए थे, उससे ज्यादा वोटर्स सिर्फ पांच महीनों में जोड़े गए हैं।
राहुल गांधी के कहा”, महाराष्ट्र में अडल्ट पापुलेशन (वयस्क आबादी) 9.54 करोड़ है, जबकि चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वोटर्स की संख्या 9.7 करोड़ है, यानी लगभग 16 लाख अधिक वोटर्स हैं। यह आंकड़ा खुद में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि अगर वोटर्स की संख्या वयस्क आबादी से अधिक है, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाता है।”
इसके साथ ही, चुनाव आयोग के चयन प्रक्रिया को लेकर भी राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं। अगर चुनाव आयोग का चुनाव पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं किया जाता, तो यह चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और लोकतंत्र में विश्वास कम हो सकता है।