
Rahul Gandhi: लोकसभा की कार्यवाही के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के नेता की तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस—साधारण वाली, ‘एटम बम’ वाली और ‘हाइड्रोजन बम’ वाली—का जवाब भी देंगे। इसी बीच राहुल गांधी ने अमित शाह की बात काटते हुए कहा कि पहले यह बताएं कि चुनाव आयोग को फुल इम्युनिटी देने का आइडिया किसका था। राहुल ने हरियाणा के कई उदाहरणों का हवाला देते हुए एसआईआर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिबेट की चुनौती भी दी।
अमित शाह ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि वे 30 साल से संसद व विधानसभा में चुनकर आ रहे हैं और ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई उनके बोलने का क्रम तय करे। उन्होंने कहा, “मेरे भाषण का क्रम मैं तय करूंगा, आप नहीं।”
इसके जवाब में राहुल गांधी बोले, “यह डरा हुआ और घबराया हुआ रेस्पॉन्स है, सच्चा जवाब नहीं।”
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी के चेहरे पर चिंता की लकीरें देख ली हैं, लेकिन वह उकसावे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष का नेता बोलने का अधिकार रखता है, लेकिन “जैसे हम आपकी सुनते हैं, आपको भी हमारी सुननी चाहिए।”
अमित शाह ने गिनाईं ‘वोट चोरी’ की तीन घटनाएं
- पहली घटना: गृह मंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री पद के लिए मतदान हुआ तो सरदार पटेल को 28 और जवाहरलाल नेहरू को सिर्फ 2 वोट मिले, लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू बने—“यह भी एक प्रकार की वोट चोरी थी।”
- दूसरी घटना: इंदिरा गांधी के रायबरेली से चुने जाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया। शाह ने इसे भी “वोट चोरी” बताया। उन्होंने कहा कि इसके बाद इंदिरा गांधी ने खुद को बचाने के लिए संसद में ऐसा कानून लाया, जिसके तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ केस नहीं किया जा सकता।
- तीसरी घटना: शाह के मुताबिक दिल्ली की एक सिविल अदालत में अभी एक वाद लंबित है, जिसमें दावा किया गया है कि सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनने से पहले ही मतदाता बन गई थीं। उन्होंने कहा, “यह तथ्य अदालत के सामने रखा गया है, इसका जवाब वहां देना है। यहां क्यों दे रहे हैं?”
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष चुनाव आयोग की ‘इम्युनिटी’ पर सवाल उठा रहा है, लेकिन इम्युनिटी तो सबसे पहले इंदिरा गांधी ने खुद के लिए ली थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने संवैधानिक पदों में हस्तक्षेप करते हुए वरिष्ठ जजों को बायपास कर एक अन्य जज को चीफ जस्टिस बना दिया—“यह इतिहास रिकॉर्ड पर है।”
अमित शाह ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने चुना है, “आपकी कृपा से नहीं।”














