
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कथित रूप से भारतीय सेना के खिलाफ टिप्पणी के मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली राहत बढ़ा दी है। जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 22 अप्रैल तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक बढ़ा दी है।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए 4 अगस्त को जस्टिस दीपांकर दत्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन कब्जा लिया है। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा था कि किस विश्वसनीय दस्तावेज के आधार पर आपने ये बात कही, एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। जब सीमा पार कोई विवाद हो तो आप ये सब कैसे कह सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि एक सच्चे भारतीय होने के नाते राहुल गांधी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने 4 अगस्त को राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने यूपी सरकार और शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सीमा सड़क संगठन के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया था। राहुल गांधी ने निचली अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग की है।
राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने 9 दिसंबर, 2022 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प से को लेकर सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने बार-बार बहुत ही अपमानजनक तरीके से कहा कि चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की ‘पिटाई’ कर रही है और भारतीय प्रेस इस संबंध में कोई सवाल नहीं पूछेगा।
यह भी पढ़े : ‘मैं बम से प्लेन को उड़ा दूंगा…’, अहमदाबाद में फिर हुई इमरजेंसी लैंडिंग, मदीना से हैदराबाद आ रही थी फ्लाइट











