
नई दिल्ली। राहुल गांधी (Rahul Gandhi dual citizenship) की दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से चार सप्ताह के भीतर जानकारी देने को कहा है। यह मामला कई वर्षों से चर्चा में रहा है, जिसमें आरोप है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है। इस पर कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस विगनेश शिशिर ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की गई है।
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई सोमवार को हुई, जहां न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव-प्रथम की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार को राहुल गांधी की नागरिकता मामले में कार्रवाई का ब्योरा पेश करने के लिए पहले 24 मार्च तक का समय दिया था। अब, कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह चार सप्ताह के भीतर इस मामले की जानकारी पेश करे। मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
सैनिकों पर टिप्पणी के मामले में 29 अप्रैल को होगी सुनवाई
इसके अलावा, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सैनिकों पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला चल रहा है। इस मामले में, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम आलोक वर्मा ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है।
मालूम हो कि सीमा सड़क संगठन के सेवानिवृत्त निदेशक (भारतीय सेना में कर्नल के पद के समकक्ष) उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया था। शंकर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बारे में एक विवादित बयान दिया। राहुल गांधी ने कहा था, “लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में क्या पूछेंगे, लेकिन चीनी सैनिकों द्वारा हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक बार भी सवाल नहीं पूछेंगे।” इस बयान को लेकर कोर्ट ने राहुल गांधी को आरोपी के रूप में तलब किया था। अब इस मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को होगी, जब कोर्ट राहुल गांधी से इस टिप्पणी के बारे में जवाब मांगेगा।