हिमाचल में ‘राधे-राधे’ विवाद गरमाया : CM सुक्खू बोले- धर्मशाला में लगाए धार्मिक नारे

शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का एक वीडियो हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ, जिसमें साई मैदान में बच्चों के साथ बातचीत के दौरान बच्चों ने उन्हें ‘राधे-राधे’ कहकर अभिवादन किया। इस पर मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि वे ‘राधे-राधे’ क्यों बोल रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही भाजपा ने इसे बड़े पैमाने पर शेयर किया और इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से उछाल दिया।

कथावाचक देवकीनंदन का सीएम पर हमला

मामला तब और सुर्खियों में आया जब कथावाचक देवकीनंदन महाराज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि है और यहां धार्मिक अभिवादन पर सवाल उठाना उचित नहीं। देवकीनंदन ने दावा किया कि प्रदेश का मुखिया भी सनातनी है, इसलिए इस तरह के सवाल लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाते हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने भी मुख्यमंत्री पर सनातन विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता की भावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विवाद बढ़ने पर सीएम का पलटवार

विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को धर्मशाला में आयोजित वॉकथॉन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंच से ‘राधे-राधे’ और ‘राम-राम’ के नारे लगाए। उनका यह वीडियो भी अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

भाजपा का कहना है कि जनता के दबाव में मुख्यमंत्री को अपना रुख बदलना पड़ा। प्रवक्ता भारद्वाज ने चेतावनी देते हुए कहा कि 2027 के चुनाव में प्रदेश की जनता कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देगी। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल राजनीति का नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सनातन परंपराओं के सम्मान का है।

भाजपा ने स्पष्ट किया कि वह सनातन मूल्यों की रक्षा के साथ मजबूती से खड़ी है और किसी भी प्रकार के धार्मिक अपमान को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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