
Bihar Chunav 2025 Result : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के खेमे में सन्नाटा पसरने का कारण बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का आशीर्वाद और लालू प्रसाद यादव परिवार की राजनीतिक विरासत के बावजूद उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव अपनी पारिवारिक सीटों राघोपुर और महुआ से बुरी तरह पिछड़ रहे हैं। यहां बता दें कि राबड़ी देवी और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव परिवार और पार्टी से अगल होकर नई पार्टी से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। तेज प्रताप खुद महुआ सीट से चुनावी मैदान में खड़े हैं, लेकिन रुझानों में वह अपनी ही सीट से काफी पीछे चल रहे हैं, जिससे यह साफ हो रहा है कि वह महुआ सीट हार सकते हैं।
बता दें कि मतगणना के चौथे-चौथे राउंड के बाद आरजेडी की कुल 32-35 सीटों पर सिमटने की स्थिति में महागठबंधन की हार तय लग रही है, जबकि एनडीए 189 सीटों पर मजबूत बढ़त के साथ सरकार बना रहा है। यह यादव परिवार के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है, जो आरजेडी के कोर वोट बैंक पर सवाल खड़े कर रहा है।
मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होने के बाद दोपहर तक साफ हो गया कि एनडीए की लहर में आरजेडी के गढ़ धराशायी हो गए। राघोपुर में तेजस्वी, जो महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार थे, 3,000 से अधिक वोटों से पीछे हैं। वहीं, महुआ में तेज प्रताप, जो आरजेडी से निष्कासित होकर अपनी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) से लड़े, 10,700 से ज्यादा वोटों से चौथे स्थान पर सिमट गए हैं। आरजेडी मुख्यालय में सन्नाटा छा गया है, और कार्यकर्ता ‘साजिश’ के आरोप लगा रहे हैं।
प्रमुख सीटों पर हार: यादव किलों का पतन
| सीट | उम्मीदवार (पार्टी) | स्थिति (वोट अंतर) | टिप्पणी |
|---|---|---|---|
| राघोपुर | तेजस्वी यादव (आरजेडी) | 3,000+ से पिछड़े | बीजेपी के सतीश कुमार 17,599 वोटों से आगे। 2015-2020 में तेजस्वी की हैट्रिक रुकी। |
| महुआ | तेज प्रताप यादव (जेजेडी) | 10,700+ से चौथे स्थान पर | एलजेएपी के संजय कुमार सिंह 13,000+ वोटों से लीड। 2015 में आरजेडी से जीतने वाली सीट अब हारी। |
- राघोपुर (वैशाली जिला): यादव परिवार का परंपरागत गढ़, जहां लालू-राबड़ी ने कई बार जीत हासिल की। तेजस्वी 2015 में 22,733 और 2020 में 38,174 वोटों से जीते थे, लेकिन इस बार बीजेपी के सतीश कुमार (2010 में राबड़ी को हराने वाले) ने पलटवार किया। चौथे राउंड में सतीश के 17,599 वोटों के मुकाबले तेजस्वी के 14,583।
- महुआ (वैशाली जिला): तेज प्रताप का पूर्व गढ़, जहां वे 2015 में आरजेडी से जीते थे। निष्कासन के बाद जेजेडी से लड़े, लेकिन एलजेएपी के संजय सिंह (13,000+ वोट) और आरजेडी के मुकेश कुमार रौशन (8,794 वोट) से पीछे। तेज प्रताप के केवल 1,500-3,000 वोट।
आरजेडी को कुल 32-35 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2020 की 75 से आधी से भी कम। कांग्रेस को 6-10, जबकि महागठबंधन कुल 60-75 पर सिमट गया। जन सुराज पार्टी (जेएसपी) का खाता भी नहीं खुला। महिलाओं के 71.6% मतदान ने एनडीए को फायदा पहुंचाया, जबकि आरजेडी का जातिगत समीकरण फेल हो गया।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री व राजद नेता राबड़ी देवी मतगणना केंद्र पर पहुंचीं, लेकिन बेटों की हार पर चुप्पी साधे रहीं। करीबी सूत्रों के अनुसार, वे ‘परिवारिक साजिश’ का रो-रोकर बयान दे रही हैं। वहीं तेजस्वी यादव कह रहे हैं, “यह साजिश है। ईवीएम पर सवाल, हर बूथ पर नजर रखेंगे। जनता का फैसला बदलेंगे।” भले ही तेजस्वी यादव राघोपुर सीट पर मिल रही हार को ‘अस्थायी झटका’ बता रहें हैं, लेकिन चेहरे पर निराशा साफ दिख रही है।
राजद से अलग होकर नई पार्टी बनाकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले तेज प्रताप यादव ने अपनी महुआ सीट पर मिल रही हार को स्वीकारते हुए कहा, “मेरा सफर जारी रहेगा। परिवार से दूरी सही साबित हुई।”














