भोपाल नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल, योजनाएं कागजों पर ही…

भोपाल नगर निगम 3 अप्रैल को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेगा, लेकिन पिछले बजट का एक बड़ा हिस्सा अभी तक खर्च नहीं हुआ है। बीएमसी के नेता प्रतिपक्ष सबिस्ता जकी ने आरोप लगाया कि 3,353 करोड़ रुपये के बजट में से करीब 1,300-1,500 करोड़ रुपये अब तक खर्च नहीं किए गए हैं। उनका कहना है कि बजट में करीब 20 विशिष्ट प्रावधान किए गए थे, लेकिन उनमें से केवल मुट्ठी भर परियोजनाएं ही पूरी हो पाई हैं। इस समय करीब 40 फीसदी बजट अभी भी अप्रयुक्त पड़ा हुआ है, जबकि कई योजनाएं कागजों पर ही हैं।

कुछ प्रमुख योजनाएं जिन पर काम नहीं हुआ:

  1. हेरिटेज प्रवेश द्वारों का निर्माण: 10 करोड़ रुपये की राशि से नए हेरिटेज प्रवेश द्वारों का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
  2. ड्रेनेज इंफ्रास्ट्रक्चर: ड्रेनेज इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सबसे ज्यादा 35 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जो अभी तक शुरू नहीं हुआ।
  3. सार्वजनिक पार्कों का सौंदर्यीकरण: 10 करोड़ रुपये की राशि से राजधानी के सार्वजनिक पार्कों के सौंदर्यीकरण का काम आंशिक रूप से ही पूरा हुआ है।
  4. हॉकर्स कॉर्नर का निर्माण: 5 करोड़ रुपये से शहर में नए हॉकर्स कॉर्नर का निर्माण नहीं हो पाया है।
  5. महापुरुषों की मूर्तियां: 5 करोड़ रुपये की राशि से शहर के विभिन्न स्थानों पर महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने का काम भी शुरू नहीं हो सका।

हालांकि, कुछ योजनाओं पर काम हुआ है, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट पूरा किया गया है। लेकिन अन्य योजनाओं पर अभी भी कोई खास काम नहीं हुआ है। यह बजट को लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है और नागरिकों की उम्मीदों पर पानी फेरता है।

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