
Puri Rath Yatra stampede case: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ के चलते तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने पुरी के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (SP) को तुरंत प्रभाव से हटा दिया है. पिनाक मिश्रा को नया एसपी और चंचल राणा को नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है.
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए माफ़ी मांगी और मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, जो विकास आयुक्त की निगरानी में होगी. लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई की बात भी कही गई है.
पुरी रथ यात्रा भगदड़ के 10 बड़े अपडेट्स
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- ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है. राज्य सरकार इस पर गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने बताया कि राज्य के डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा गया और अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया.
- भगदड़ में लापरवाही के आरोप में DCP विष्णुपति और कमांडेंट अजय पाधी को सस्पेंड कर दिया गया है.
- ओडिशा पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने कहा, “अभी-अभी पूरे देश के लाखों लोगों ने भगवान जगन्नाथ की ‘पहंडी बीजे’ रस्म को देखा. पूरे आयोजन के दौरान कहीं भी कोई अव्यवस्था नहीं हुई.” उन्होंने कहा कि प्रशासन की सतर्कता और भक्तों के सहयोग से रस्म शांति से संपन्न हुई.
- पिनाक मिश्रा ने पुरी के नए पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में पदभार ग्रहण किया. उन्होंने कहा, “यह महाप्रभु का आदेश है कि मैं एक बार फिर पुरी का एसपी नियुक्त हुआ हूं. हम सुनिश्चित करेंगे कि रथ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.” एसपी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा, “मैं सभी भक्तों से आग्रह करता हूँ कि वे प्रशासन से समन्वय बनाए रखें और जो भी दिशा-निर्देश प्रशासन की ओर से दिए गए हैं, उनका पालन करें, ताकि रथ यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके.”
- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने घटना को ‘गंभीर चेतावनी’ बताते हुए कहा कि इतने बड़े आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. किसी भी तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है. उन्होंने राज्य सरकार से राहत कार्यों को तेज़ करने की अपील की.
- पुरी की घटना के बाद मयूरभंज जिले के बारिपदा में सुरक्षा सख्त कर दी गई है. यहां 100 से अधिक कैमरे, तीन कंट्रोल रूम और ड्रोन से निगरानी की जा रही है. खास बात यह है कि यहां माता सुभद्रा की रथ को सिर्फ महिलाएं खींचती हैं.
- सीएम माझी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “शरधाबली में महाप्रभु के दर्शन की तीव्र इच्छा के कारण जो धक्का-मुक्की और अव्यवस्था हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं और मेरी सरकार सभी भक्तों से क्षमा मांगते हैं.”
- श्रीजगन्नाथ मंदिर कार्यालय, पुरी के मुख्य प्रशासक अरविंद के पाधी ने कहा, “रथ यात्रा के दौरान भगवान के रथ श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचते हैं. 28 जून को तीनों रथ श्री गुंडिचा मंदिर पहुंच गए थे और परंपरा के अनुसार, अगले दिन भगवान अपने जन्मस्थान (गुंडिचा मंदिर) का दर्शन करते हैं. आज के दिन विशेष और मनोहारी परंपराएं शांतिपूर्वक संपन्न हुईं. हम श्रद्धालुओं के सहयोग और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हैं.” उन्होंने कहा, “आगामी 4 जुलाई को ‘संध्या दर्शन’ एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान होगा. हम सभी भक्तों से अनुरोध करते हैं कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सहयोग करें ताकि सभी को दर्शन का सौभाग्य मिले और कोई अव्यवस्था न हो.”
- वरिष्ठ अधिकारी अरविंद अग्रवाल को रथ यात्रा के समग्र पर्यवेक्षण का प्रभारी नियुक्त किया गया है. वे एक अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी हैं, जिन्हें रथ यात्रा आयोजन और भीड़ प्रबंधन का पूर्व अनुभव है. उन्हें यह जिम्मेदारी त्रासदी के बाद की स्थिति को संभालने, सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सौंपी गई है.
- पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे बेहद दुखद और स्तब्ध कर देने वाला हादसा बताया है। वे श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (SJTC) के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने राज्य सरकार से घटना की तत्काल और व्यापक जांच कराने की अपील की, ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके. पुरी की रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथें गुंडिचा मंदिर तक खींची जाती हैं. यह यात्रा शुक्रवार को शुरू हुई थी.
बता दें कि यह दर्दनाक हादसा 29 जून को सुबह सुबह करीब 4:20 बजे से 5:40 बजे के बीच घटी, जब गुंडिचा मंदिर के पास भारी भीड़ जमा हो गई. ‘शारदाबली’ स्थान पर भक्तों की भारी भीड़ भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए बेकाबू हो गई. अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की और घुटन शुरू हो गई, जिससे कई लोग जमीन पर गिर पड़े और तीन श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई. भीड़ में कई लोग घायल हुए, जिन्हें तत्काल पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया.