
चंडीगढ़ : पंजाब की सड़कें हर साल और अधिक खतरनाक और जानलेवा होती जा रही हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की हाल ही में राज्यसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में हर दो घंटे में एक व्यक्ति सड़क हादसे में अपनी जान गंवा रहा है। तेज रफ्तार और लापरवाही रोजाना औसतन आठ लोगों की मौतों की वजह बन रही है। यह आंकड़ा न केवल चिंता बढ़ाता है, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति उदासीनता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
पिछले पांच वर्षों में सड़क हादसों में मृत्यु दर 22 प्रतिशत बढ़ी है। वर्ष 2020 में जहां 3,898 लोगों की मौत दर्ज हुई थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 4,759 तक पहुंच गई। सड़क हादसों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। 2020 में कुल 5,203 हादसे दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 6,063 हो गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके प्रमुख कारण हैं: ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, तेज रफ्तार, वाहन ओवरलोडिंग और व्यावसायिक वाहनों की कमजोर निगरानी। रिपोर्ट में बताया गया है कि ओवरलोडिंग के कारण पिछले पांच साल में 2,725 लोगों की जान गई, जो आम यातायात व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।















