
चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) समेत कई मुद्दों को लेकर विधानसभा का सत्र बुला लिया है। यह सत्र 10 व 11 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। शनिवार को इस संबंध में सरकार की तरफ से अनौपचारिक ऐलान कर दिया गया। सत्र की मंजूरी के लिए 7 जुलाई को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक होगी। जिसमें विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव पारित करके राज्यपाल को गुलाब चंद कटारिया को भेजा जाएगा।
दो दिवसीय सत्र के दौरान सबसे अहम मुद्दा एसवाईएल और धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के आरोपियों के सजा का कानून पास करना होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान सर्वधर्म बेअदबी रोको कानून मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुके हैं। पंजाब के समाणा में गुरजीत सिंह नाम व्यक्ति इसी मांग को लेकर अक्टूबर, 2024 से टंकी पर चढ़कर बैठा है। उसकी मांग है कि सरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने वाले लोगों को मौत की सजा का प्रविधान करे।
दूसरी तरफ इस सत्र में भी एसवाईएल का मुद्दा छाया रहेगा। यह मामला 214 किलोमीटर लंबी एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित है, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी। हरियाणा ने अपना हिस्सा पूरा कर लिया, जबकि पंजाब ने 1982 में इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यह मामला 1981 का है, जब दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे पर समझौता हुआ था और बेहतर जल बंटवारे के लिए एसवाईएल नहर बनाने का निर्णय लिया गया था। पंजाब में एसवाईएल के निर्माण के लिए अधिग्रहण की गई जमीनों को पंजाब सरकार द्वारा वापस लौटा दी गई है।