
पंजाब सरकार ने राज्य में नशे के खिलाफ एक कड़ा अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य राज्य को “नशा मुक्त पंजाब” बनाना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने ड्रग्स की तस्करी और माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संकल्प लिया है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 31 मई 2025 तक इस अभियान को पूरा किया जाए। यह जिम्मेदारी एसएसपी और सीपी को सौंपी गई है, जिनकी जवाबदेही होगी कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नशे के खिलाफ कार्रवाई को सुनिश्चित करें।
डेडलाइन और जिम्मेदारी
डीजीपी गौरव यादव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नशे की तस्करी और उसकी गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाना उनकी प्राथमिकता है। एसएसपी और सीपी को एक ठोस प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि नशे से जुड़ी गतिविधियों को जल्द से जल्द रोका जा सके। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर डेडलाइन के बाद भी किसी अधिकारी ने लापरवाही की, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन
पंजाब सरकार ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया है। यह टास्क फोर्स नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए अहम भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, सरकार ने इस अभियान के लिए 12 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, जिससे राज्यभर में नशे के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा सके।
युवाओं के भविष्य को बचाना है लक्ष्य
पंजाब सरकार का प्रमुख उद्देश्य राज्य के युवाओं को नशे की लत से बचाना और उनका भविष्य उज्ज्वल बनाना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का मानना है कि राज्य में नशे के खिलाफ एक ठोस कदम उठाने से ही युवाओं को इससे मुक्त किया जा सकता है।
वेक्टर जनित रोगों से निपटने के लिए ठोस योजना
पंजाब सरकार ने वेक्टर जनित रोगों, खासकर डेंगू और मलेरिया, के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए हैं। पंजाब भवन में हाल ही में हुई राज्य टास्क फोर्स की मीटिंग में बलबीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा शुरू किए गए ‘हर शुक्रवार डेंगू पर वार’ अभियान की शुरुआत 1 मई से की जाएगी। गर्मी के मौसम में मच्छरों के प्रकोप और डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए इस अभियान को समय से पहले शुरू किया जा रहा है।
डेंगू और मलेरिया की मुफ्त जांच और उपचार
सरकार ने सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और आम आदमी क्लीनिकों में डेंगू और मलेरिया की मुफ्त जांच और उपचार की सुविधा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, नागरिकों को मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए जागरूक भी किया जाएगा। इस कदम से राज्य में होने वाली डेंगू और मलेरिया की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।