
चंडीगढ़ : भारत में अगले साल शुरू होने वाली जनगणना की तैयारियां पंजाब में लगभग पूरी हो चुकी हैं। सरकार ने नगरपालिका और वार्ड सीमाओं का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के लिए सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। इसे जनगणना प्रक्रिया का पहला और सबसे अहम चरण माना जाता है।
10 नवंबर से अमृतसर, जालंधर और मलेरकोटला में मकानों की गिनती का प्री-टेस्ट शुरू किया जाएगा। यह एक तरह की रिहर्सल होगी, ताकि असली जनगणना से पहले सभी खामियों को दूर किया जा सके। एक अप्रैल 2026 से पूरे पंजाब में मकानों की गिनती का काम शुरू होगा। केंद्र सरकार ने राज्य को निर्देश दिए हैं कि 31 दिसंबर 2025 तक डिजिटल रिकॉर्ड का काम पूरा कर लिया जाए।
प्रदेश के 166 नगर निकायों में से 160 का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो चुका है, जबकि 6 निकायों का डेटा मंजूरी के चरण में है। अब तक 90% रिकॉर्ड केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। प्री-टेस्ट उन जिलों में किया जा रहा है, जहां जनगणना की प्रक्रिया सबसे जटिल मानी जाती है। इसमें घर के मालिक, परिवार के सदस्यों और उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत जानकारी जुटाई जाएगी।
जनगणना निदेशालय ने तीनों जिलों में अपनी टीमें भेज दी हैं। इस बार पूरी जनगणना डिजिटल तरीके से की जाएगी, जिसके लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप तैयार किए जा रहे हैं। स्थानीय निकाय विभाग ने इसके लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है।
दूसरे चरण में, यानी 1 फरवरी 2027 से जनगणना की मुख्य प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए 34 लाख कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। स्थानीय निकाय विभाग के अनुसार, सभी नगर निकायों के मानचित्र और सीमा डेटा को जियोरेफरेंसिंग तकनीक के जरिए डिजिटल फॉर्म में बदला जा रहा है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब की जनसंख्या 2.77 करोड़ थी — जिसमें 1.46 करोड़ पुरुष और 1.31 करोड़ महिलाएं शामिल थीं।










