
-2019 में सीआरपीएफ वाहन उड़ाने के लिए भी हुआ था इसका इस्तेमाल
नई दिल्ली । लाल किला धमाके के तार 2019 में जम्मू और कश्मीर में हुए पुलवामा आतंकी हमले से जुड़ रहे हैं। जैसे-जैसे दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार धमाके की जांच आगे बढ़ रही है, इस मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। दरअसल जांच में यह बात सामने आई कि जिस आई20 कार में धमाके ने कम से कम 12 लोगों की जान ली, उसमें विस्फोट के लिए व्हीकल बोर्न इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। अब जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं कि धमाके को अंजाम देने वाला डॉक्टर उमर या उमर नबी इसी सुसाइड मिशन पर था या वह किसी और मिशन पर निकला था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली धमाके में मुख्य संदिग्ध से लेकर अन्य सारे मॉड्यूल पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े बताए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह से यह दूसरा ऐसा मामला है, जिसमें जैश ने विस्फोट को अंजाम दिया है। इससे पहले 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले में जैश के आत्मघाती आतंकी ने सीआरपीएफ के वाहन को उड़ाने के लिए कार में ही लगे वीबीआईईडी का ही इस्तेमाल किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि लाल किले के पास हुए कार धमाके में बम पूरी तरह से तैयार नहीं था, इसलिए जोरदार धमाके के बावजूद इसका असर उसकी क्षमता से कम था। इतने बड़े विस्फोट के बाद भी घटनास्थल पर न कोई गड्ढा बना और न ही जांचकर्ताओं को कोई छर्रे मिले हैं और न ही ऐसे विस्फोटकों को अत्यधिक घातक बनाने वाली अन्य चीजें।
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों ने रेड की है, जिसमें करीब 3,000 किलो विस्फोटक बरामद हुआ हैं, लगता है कि बढ़ते दबाव की वजह से ही संदिग्ध ने इस वारदात को अंजाम दिया। अधिकारी ने साफ कहा कि धमाका उसी विस्फोटक से किया गया, जो फरीदाबाद के ठिकानों से मिला था।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके में आमोनियम नाइट्रेट का आईईडी बनाने में इस्तेमाल किया गया, जो कि फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ जम्मू-कश्मीर से हरियाणा तक चली बड़ी कार्रवाई में बड़ी मात्रा में अन्य हथियारों और अन्य विस्फोटक सामग्रियों के साथ बरामद की है। अधिकारियों के मुताबिक फरीदाबाद मॉड्यूल का खुलासा होते ही उमर घबरा गया और उसने अपना फोन बंद कर लिया। मुमकिन है हमलावर ने गिरफ्तारी के डर से ही आत्मघाती मिशन को अंजाम दिया हो।













