संकल्प रथ पर सवार ‘सनातन जागरण पदयात्रा’ पर निकले धीरेन्द्र शास्त्री

मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन के जागरण, हिन्दुओं के बीच जाति भेदभाव, छुआछूत, अगड़े और पिछड़े का फर्क मिटाने के लिए गुरुवार से अपने धाम से नौ दिवसीय पदयात्रा शुरू की। इस यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आध्यात्मिक पदयात्रा के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि स्पष्टवादिता पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की विशेषता है। वे सनातन संस्कृति के उत्थान के उद्देश्य से यात्रा पर निकले हैं। प्रसन्नता का विषय है कि पदयात्रा के माध्यम से क्षेत्र में जन-जन को उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त होगा।

बालाजी मंदिर बागेश्वर धाम से आज बागेश्वर धाम के जयकारे और सनातन एकता, हिंदू एकता का उद्घोष कर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की पदयात्रा का शुभारंभ हुआ। इस पदयात्रा में देश के कई प्रमुख पीठाधीश्वर, साधु-संत, महात्मा और गणमान्य शामिल हाेंगे। यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी। चार दिनों तक यह यात्रा छतरपुर जिले में ही रहेगी। यह यात्रा 160 किमी की होगी, जो 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा मंदिर पहुंचेगी। इस पदयात्रा का उद्देश्य सनातन का जागरण और जातीय भेदभाव, छुआछूत एवं अगड़े-पिछड़े का भेद मिटाना और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करना है।

यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं, जिनमें गौरथ, महापुरुषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल हैं। इस पदयात्रा के दौरान 25 नवंबर को मऊरानीपुर में संजय दत्त, पहलवान खली, कामेडियन श्याम रंगीला और वीआईपी अपनी प्रस्तुति देंगे। 26 को गुजरात के लोकगायक कीर्तिदान गढ़वी और 27 को कन्हैया मित्तल यात्रा में शामिल होंगे।

यात्रा के शुभारंभ अवसर पर जगतगुरु तुलसी पीठाधीश्वर श्रीरामभद्राचार्य के द्वारा भगवा ध्वज दिखाया जाना था, लेकिन आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण वे उपस्थित नहीं हो सके।

इस मौके पर संत गोपालमणि, कथाव्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज एवं सुदामा कुटी वृंदावन के महंत मौजूद रहे। यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास, जगतगुरू राघवाचार्य, जाने-माने कथाव्यास अनिरुद्धाचार्य, कृष्णचन्द्र ठाकुर, मृदुलकांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि, गोरेलाल कुंज से किशोरदास महाराज, भिण्ड से दंदरौआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंददेव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्रदास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत शामिल होंगे।

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