
जयपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया है। इस बर्बर हमले के विरोध में प्रदेशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। आमजन, व्यापारिक संगठन और हिंदू संगठनों ने मिलकर विभिन्न जिलों में शुक्रवार काे विरोध-प्रदर्शन किए और बाजार बंद रखे।
सीकर में व्यापार संघ सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया। हालांकि आपातकालीन सेवाएं जैसे मेडिकल और पेट्रोल पंप खुले रहे। परीक्षाओं के चलते स्कूल खुले रहे, लेकिन कई निजी स्कूलों ने अन्य कक्षाओं की छुट्टी घोषित कर दी। फतेहपुर रोड पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सब्जी ठेलों को बंद कराने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस से उनकी बहस हो गई। पुलिस ने समझाइश कर मामला शांत कराया।
कोटा में बंद को व्यापार महासंघ और स्कूल एसोसिएशन का समर्थन मिला। भामाशाह मंडी और पेट्रोल पंपों पर दो घंटे काम बंद रहा। महावीर नगर थर्ड में एक फाइनेंस कंपनी के खुले होने पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जबरन उसे बंद करवाया, जिसमें धक्का-मुक्की हुई।
श्रीगंगानगर के बॉर्डर इलाके में बीएसएफ की गश्त और चौकसी बढ़ा दी गई है। अत्याधुनिक कैमरों से हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। पुलिस थानों में हथियारबंद जवान तैनात हैं और हर आने-जाने वाले वाहन की गहन जांच की जा रही है।
हनुमानगढ़ में हिंदू समाज, व्यापारिक और धार्मिक संगठनों ने एकजुट होकर बंद को समर्थन दिया। सभी प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बंद रहे।
उदयपुर के झाड़ोल कस्बे में व्यापार मंडल और सर्व समाज की अगुवाई में रैली निकाली गई। कोर्ट चौराहे पर प्रदर्शन कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर आतंकियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई।
जैसलमेर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किया। हनुमान चौराहे पर पाकिस्तान का झंडा और आतंकवाद का पुतला जलाया गया।
आमजन की यही मांग है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
हमले के बाद राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर विशाल बंसल ने सभी जिलों के एसपी, डीसीपी और कमिश्नरों को आदेश देते हुए पुलिस जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।