Protest In France : फ्रांस में इमरजेंसी जैसे हालात! मैक्रों सरकार के खिलाफ पेरिस की सड़कों पर उतरे 8 लाख लोग

Protest In France : फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की आर्थिक और सामाजिक नीतियों के खिलाफ जनता का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को पेरिस सहित कई शहरों में 8 लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे ट्रेनों, मेट्रो, स्कूलों और अस्पतालों का जीवन ठप हो गया।

प्रदर्शनकारियों ने बजट कटौती और कल्याणकारी योजनाओं पर हो रहे हमले का विरोध किया। इस दौरान कई जगह हिंसा भड़क गई, पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।

लाखों की संख्या में लोग क्यों निकले

प्रदर्शन का मुख्य कारण है कि सरकार देश के उच्च घाटे और कर्ज को कम करने के नाम पर बड़े पैमाने पर बजट कटौती कर रही है। सार्वजनिक सेवाओं पर खर्च घटाने और कल्याण योजनाओं में कटौती का प्रयास किया जा रहा है, जबकि अमीरों और कंपनियों को टैक्स में छूट दी जा रही है।

गुरुवार को 12 से अधिक यूनियनों ने सामूहिक हड़ताल का आह्वान किया। पेरिस मेट्रो पूरी तरह से बंद हो गई है, और ट्रेन ड्राइवरों का 91% हड़ताल पर है।

कई प्रदर्शनकारियों ने हाईवे ब्लॉक कर दिए, बैरिकेड लगाए और आगजनी कर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने “अमीरों पर टैक्स लगाओ” और “जनसंहारक फैक्ट्री बंद करो” जैसे बैनर उठाए।

यूनियन प्रतिनिधि ज्यां-पियरे मेर्सियर ने कहा, “अरबपतियों और पूंजीपतियों की जेबें भर दी गई हैं। अब कहा जा रहा है कि हमें कर्ज चुकाने के लिए और बलिदान देना पड़ेगा। सेना के बजट में 400 अरब यूरो की मंजूरी हो चुकी है, पर स्कूल और अस्पताल क्यों खाली हैं?”

गृह मंत्री ब्रूनो रेटेलियो ने चेतावनी दी थी कि वामपंथी समूह हिंसा कर सकते हैं, इसलिए सरकार ने करीब 80,000 पुलिसकर्मियों और जेंडार्म्स को तैनात किया है।

फ्रांस अभी मुद्रास्फीति और कर्ज के बोझ से जूझ रहा है। सरकार का तर्क है कि यदि खर्च नहीं घटाया गया, तो स्थिति और खराब हो सकती है। लेकिन जनता और यूनियनों का आरोप है कि बजट की मार आम लोगों पर डाली जा रही है और अमीरों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

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