
नई दिल्ली : प्रोटीन हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है। इसे अक्सर ‘बॉडी का बिल्डिंग ब्लॉक’ कहा जाता है। यह मांसपेशियों, त्वचा, बाल और हड्डियों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ हार्मोन और एंजाइम बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली और असंतुलित आहार के कारण भारत में प्रोटीन की कमी एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार शहरी भारत में 73% लोग प्रोटीन की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि 93% लोग नहीं जानते कि उन्हें दिनभर में कितना प्रोटीन लेना चाहिए। लगातार थकान, कमजोरी या घाव भरने में देरी जैसी समस्याएँ प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकती हैं।
1. त्वचा, बाल और नाखूनों पर असर
प्रोटीन की कमी का सबसे पहला असर अक्सर त्वचा, बाल और नाखूनों पर दिखाई देता है। बाल पतले होकर झड़ने लगते हैं, त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है और नाखून कमजोर होकर टूट सकते हैं या धारियों वाला दिख सकता है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर जरूरी अंगों को प्रोटीन पहुंचाने के लिए इन जगहों से उसकी आपूर्ति कम कर देता है।
2. मांसपेशियों में कमी और जोड़ों में दर्द
जब शरीर में प्रोटीन की कमी होती है, तो ऊर्जा के लिए मांसपेशियों के ऊतकों को तोड़ना शुरू कर देता है। इससे मसल मास घटता है और कमजोरी महसूस होती है। बिना किसी शारीरिक गतिविधि के मांसपेशियों में दर्द होना भी प्रोटीन की कमी का लक्षण हो सकता है।
3. शरीर में सूजन
गंभीर प्रोटीन की कमी के कारण शरीर में, खासकर पेट, हाथ और पैरों में सूजन आ सकती है, जिसे एडिमा कहते हैं। यह एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन की कमी के कारण होता है, जो रक्त में तरल पदार्थ को संतुलित रखता है। इसकी कमी से तरल पदार्थ ऊतकों में जमा हो जाता है, जिससे सूजन होती है।
4. कमजोर इम्यूनिटी और बार-बार बीमार पड़ना
एंटीबॉडीज, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं, प्रोटीन से ही बनती हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे बार-बार सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमण हो सकते हैं।