समस्या : सरकारी योजनाओं का लाभ पाने को सीएचसी में भटक रहे दिव्यांग

पूरनपुर,पीलीभीत। सरकार लगातार दिव्यांगों के लिए भले ही योजनाएं तैयार कर उनको लाभ पहुंचाने का काम कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर दिव्यागों को कोई भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लगातार दिव्यांग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काटकर थक चुके हैं। लेकिन उन दिव्यागों को कोई भी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला व ब्लाक स्तर पर बैठे अधिकारी कर्मचारीयों की लापरवाही देखने को मिल रही है। शनिवार को दो दिव्यांग महिला व एक वृद्ध पूरनपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाई लेने आए थे।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोगों को ना तो वैशाखी ना ही ट्राई साईकिल मिली है । जिससे हम लोगों को बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का समाना करना पड़ता है‌। सरकारी दफ्तरों के भी बहुत चक्कर काटे लेकिन कोई भी हमारी सुनता नहीं है। कई बार तहसील में भी उपकरणों के लिए मांग पत्र दिया गया लेकिन आज तक कोई भी सरकार की तरफ से लाभ नहीं मिला है। दवाई लेने आई दिव्यांग महिला ने अपना नाम मोबीना पत्नी शमशाद बताया साथ में ही उसकी दिव्यांग भाभी मेजवी जो पूरनपुर के रजागंज देहात की रहने वाली है ।

मोबीना ने जानकारी देते हुए बताया कि वह शुरू से ही वह अपने पैरों से दिव्यांग है। उसके पति शमशाद जेल में हैं। शादी होने के बाद एक बेटा और बेटी का जन्म आप्रेशन से हुआ था। लेकिन दोनों बच्चों की जन्म होते मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद एक बेटी को गोद लिया था। जिसका नाम इल्मा है। लगभग 10 साल पहले दोनों पैरों से का आप्रेशन भी कराया था तो एक बैसाखी मिली थी वो भी बेकार हो गई कई बार तहसील व ब्लाक में शिकायत भी की थी लेकिन आज तक ना ही वैशाखी मिली ना ही ट्राई साइकिल भी नहीं मिली है।

वहीं मेजवी ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके पति ने शादी के कुछ दिन बाद ही मायके छोड़ कर चले गए थे उसका कोई भी सहारा नहीं है। सरकार की तरफ से कोई भी दिव्यांग उपकरण नहीं मिला है। वहीं वृद्ध पुनीता पुत्र महावीर निवासी उदयकरन पुर ने जानकारी देते हुए बताया कि आज से बीस साल पहले एक सड़क हादसे में ट्रक से एक पैर कट गया था। हादसे में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया था ‌। दिव्यांग में मेडिकल में 80 प्रतिशत है। फिर भी लगभग 5 साल पहले एक बार सरकार की तरफ से ट्राई साइकिल मिली थी। लेकिन उसे होने नहीं चला सकता था। कई बार एसडीएम कार्यालय में शिकायत की लेकिन किसी भी प्रकार की कोई भी सहायता उपलब्ध नहीं हो सकी है।

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