प्रियंका ने मजदूरों को घर पहुंचाने के बदले किराया वसूलने के केंद्र के फैसले पर जताई हैरानी

-कर्नाटक पीसीसी ने किया एक करोड़ की मदद का फैसला

नई दिल्ली । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिसों में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के बदले किराया वसूलने के केंद्र सरकार के फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं लेकिन आज वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। उनकी इस स्थिति को देखकर भी केंद्र सरकार उनसे किराया लेने पर तुली है जो पूरी तरह अमानवनीय है।

प्रियंका गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर-दर ठोकर खा रहे हैं, यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है। जब हम विदेश में फंसे भारतीयों को हवाई जहाज से नि:शुल्क वापस ला सकते हैं, नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च कर सकते हैं। यहां तक कि रेलमंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में नि:शुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दी जा सकती?’

उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में गरीब मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च वहन करने का फैसला कर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका का परिचय दिया है। वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भी ट्वीट कर कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए रेल परिवहन की लागत वहन करने के लिए सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) को निर्देशित करने का पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का निर्णय ऐतिहासिक है। अपने ट्वीट में उन्होंने यह भी जानकारी दी कि तमिलनाडु पीसीसी ने परिवहन लागत के वहन की दिशा में राज्य के मुख्यमंत्री को एक करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।

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