शिमला में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना : 10 पंचायतों को मॉडल सोलर विलेज बनाने का फैसला

शिमला : जिला शिमला में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोमवार को उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले की 10 पंचायतों को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में चार गांवों का चयन किया गया था, लेकिन इनमें से दो नगर पंचायत के अंतर्गत होने के कारण केंद्रीय दिशानिर्देशों के मुताबिक अयोग्य पाए गए। ऐसे में अब आठ नए राजस्व गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है। इनमें त्याल, छकड़ैल, दत्त नगर, कितबाड़ी, परहेच, शिंगला, सराहन, कुमारसैन, बौंडा और मेहली गांव शामिल हैं। इन पंचायतों की सारी औपचारिकताएं पूरी करने की समयसीमा छह महीने बढ़ाकर 28 फरवरी 2026 कर दी गई है।

बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक जिले में 676 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 204 लोगों ने अपने वेंडर का चयन नहीं किया है, जबकि 205 आवेदन अधूरे दस्तावेजों के कारण लंबित हैं। 16 आवेदनों पर इंस्टॉलेशन का कार्य चल रहा है और 4 आवेदनों का निरीक्षण बिजली विभाग द्वारा किया जाना बाकी है। अभी तक जिले में 76 सोलर रूफटॉप लगाए जा चुके हैं। उपायुक्त ने बताया कि अधिकांश आवेदक वेंडर चयन नहीं करने के कारण योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने सभी लाभार्थियों से अपील की कि वे तुरंत पोर्टल पर लॉगिन करके वेंडर का चयन करें, क्योंकि इसके बिना पैनल लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती।

उन्होंने विद्युत विभाग और हिमऊर्जा के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवेदकों से फोन पर संपर्क कर उन्हें पूरी प्रक्रिया समझाएं। उपायुक्त ने कहा कि योजना के प्रचार-प्रसार और जनभागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता है। इस योजना के तहत पंचायतों को प्रत्येक सौर छत स्थापना पर एकमुश्त एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। साथ ही जिस पंचायत में सबसे अधिक सोलर पैनल लगेंगे, उसे आदर्श सौर ग्राम के रूप में एक करोड़ रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा।

इस योजना का संचालन हिमऊर्जा कर रही है और इसे राज्य विद्युत विभाग के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इच्छुक उपभोक्ता www.pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। उपभोक्ता को स्टेट और बिजली वितरण कंपनी चुनने के बाद कंज्यूमर नंबर, मोबाइल और ईमेल डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद डिस्कॉम से अनुमति मिलने पर पंजीकृत वेंडर से पैनल लगवाए जा सकते हैं। इंस्टॉलेशन और नेट मीटरिंग पूरी होने के बाद 30 दिनों के भीतर सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में जमा कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस योजना को 29 फरवरी 2024 को स्वीकृत किया था। योजना के तहत दो किलोवाट तक की सौर इकाइयों की लागत पर 60 फीसदी और तीन किलोवाट तक की अतिरिक्त क्षमता पर 40 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। तीन किलोवाट तक करीब 85 हजार रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। लाभार्थी भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसके पास उपयुक्त छत और वैध बिजली कनेक्शन होना जरूरी है।

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