-आयुक्त व जिलाधिकारी ने किया सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय के रेडिओथिरेपी विभाग में कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए कोबाल्ट 60 द्वारा सिकाई उपचार का पुनरारम्भ
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय के रेडिओथिरेपी विभाग में कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए कोबाल्ट 60 द्वारा सिकाई कर उपचार के पुनरारम्भ आयुक्त मेरठ सुरेंद्र सिंह एवं जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा सम्पन्न हुआ।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि कैंसर का मुख्य लक्षण बुखार, वजन कम होना, शरीर मे थकान व शुजन होना हैं। यदि ये लक्षण परिलक्षित होते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। कैंसर का पता जितना जल्दी लग जाता है उसके ठीक होने की ज्यादा सम्भावना होती है, इसलिए हमें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इलाज से बेहतर रोकथाम है हमे अपने दैनिक जीवन मे सुधार की आवश्यकता है, हम नित्य शारिरिक कार्य, योग व व्यायाम करने से स्वस्थ रह सकते हैं। कैंसर का इलाज 100 प्रतिशत सम्भव है, यदि कैंसर का पता समय से लग जाये।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एवं स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग मेडिकल कॉलेज के संयुक्त प्रयास से कैंसर (गला, स्तन, सरवाइकल) अवेरनेस कार्यक्रम का आयोजन मेडिकल कालेज ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला रहीं। जिलाधिकारी दीपक मीणा, उप कुलपति प्रोफेसर वाई विमला, अपर निदेशक स्वास्थ्य विभाग डॉ संगीता गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अखिलेश मोहन, एसीएमओ डॉ तालियान एवं प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में प्रथम वक्ता के रूप में यूनिवर्सल यूनिटी ट्रस्ट नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफेसर जयंत घोष रॉय ने कैंसर अवेयरनेस को कैसे जनता तक पहुचना है इसकी जानकारी दी। मेडिकल कालेज की स्त्री एव प्रसूति रोग की आचार्य डॉ रचना चौधरी ने महिलाओं में होने वाले स्तन एवं सरवाइकल कैंसर के लक्षण की जानकारी दी। मेडिकल कालेज के रेडियोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष सिंह ने बताया कि मरीजो को रेडियो थेरैपी अर्थात सिकाई की आवश्यकता पड़ती है, यदि किसी मरीजी को कैंसर के लक्षण दिखते हैं तो वह तुरंत नजदीक स्वास्थ्य केंद्र पहुचकर डॉक्टर से सलाह ले। डॉक्टर उसे परामर्श देंगे कि वह कैसर की किस अवस्था मे है और उसको रेडियोथेरेपी की यदि आवश्यकता होती है तो उसको थेरेपी दी जानी चाहिये।
इन्हें मिला ज्ञान
कार्यक्रम में मेडिकल के स्नातक, स्नातकोत्तर छात्र छात्राओं, मेरठ जिले के सीएचओ, आशा व मेडिकल कॉलेज का नर्सिंग स्टाफ व नर्सिंग के छात्र छात्राओं का इस आयोजन से ज्ञान वर्धन हुआ, जिससे इन सभी छात्रों को भविष्य में मरीजों का उपचार करने में लाभ मिलेगा।
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