
- पशु चिकित्सा में बेटियों की भागीदारी शुभ संकेत: राष्ट्रपति
- टेक्नोलॉजी से आएगा बड़ा बदलाव: राष्ट्रपति
- बेटियों की भूमिका देख भावुक हुईं राष्ट्रपति
- “वन हेल्थ”की अवधारणा पर दिया जोर
- बरेली को नाथ नगरी के रूप में किया जा रहा विकसित: सीएम योगी
बरेली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज पहली बार बरेली पहुंचीं। वह आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। सुबह 9:50 बजे उनका विमान त्रिशूल एयरबेस पर उतरा, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।

आईवीआरआई परिसर में आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधियां और मेडल प्रदान किए। अपने संबोधन में उन्होंने वैज्ञानिकों के कार्यों की सराहना की और पशु चिकित्सा में बेटियों की बढ़ती भागीदारी पर विशेष खुशी जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि वे एक ऐसे परिवेश से आती हैं, जो प्रकृति से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि “प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर” की कहावत पशु चिकित्सा पर भी पूरी तरह लागू होती है। बीमारियों की रोकथाम में टीकाकरण की अहम भूमिका है, जिसमें आईवीआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

उन्होंने बताया कि 1889 में स्थापित इस संस्थान ने कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां वैज्ञानिकों के नाम अनेक पेटेंट्स, डिजाइन और कॉपीराइट दर्ज हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पदक पाने वालों में बेटियों की बड़ी संख्या देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि जैसे उनकी मां और बहनें गायों की सेवा करती थीं, वैसा ही जुड़ाव अब बेटियों में दिख रहा है। यह समाज के लिए एक शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा कि मानव, जानवर, वनस्पति और पर्यावरण परस्पर आश्रित हैं। वन हेल्थ की अवधारणा को अपनाते हुए हमें पशु कल्याण के लिए काम करना चाहिए। साथ ही टेक्नोलॉजी के जरिए पशु चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जीनोम एडिटिंग, एम्ब्रियो ट्रांसफर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा जैसी तकनीकों का उपयोग करके पशु रोगों की सटीक पहचान और सस्ते इलाज के रास्ते खोले जा सकते हैं। उन्होंने संस्थान से आग्रह किया कि वे ऐसी दवाएं विकसित करें, जिनके साइड इफेक्ट न पशुओं पर हों, न इंसानों और पर्यावरण पर।

समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि बरेली की पहचान महाभारत कालीन पांचाल देश के रूप में रही है। यहां 7 प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिन्हें ‘नाथ कॉरिडोर’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें अलखनाथ, त्रिवटीनाथ, मणिनाथ, तपेश्वरनाथ समेत सात मंदिर शामिल हैं।

सीएम ने बताया कि कोविड-19 के शुरुआती दौर में जब जांच एक बड़ी चुनौती थी, तब आईवीआरआई ने नोडल केंद्र बनकर राज्य सरकार का सहयोग किया। संस्थान ने 2 लाख से अधिक कोविड टेस्ट किए। साथ ही लंपी वायरस के लिए वैक्सीन विकसित कर किसानों और पशुओं को नई राहत दी। इस कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान, आईवीआरआई डायरेक्टर डॉ. त्रिवेणी दत्त, प्रदेश के मंत्री धर्मपाल सिंह, डा. अरुण कुमार, मेयर डा. उमेश गौतम आदि ने स्वागत किया। एडीजी रमित शर्मा, आयुक्त सौम्या अग्रवाल व वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने समस्त व्यवस्थायें चाक चौबंद रखीं।
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