
New Delhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिडियन बोकॉ के साथ गाबोरोन में वार्ता करके व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, डिजिटल तकनीक और वन्यजीव संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने बोत्सवाना को‘प्रोजेक्ट चीता’के अगले चरण के तहत भारत को चीता भेजने पर धन्यवाद दिया।
राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, यह भारत की ओर से बोत्सवाना की पहली राष्ट्रपति स्तरीय यात्रा है। राष्ट्रपति मुर्मु अपने अंगोला और बोत्सवाना के राजकीय दौरे के अंतिम चरण में सोमवार (11 नवंबर 2025) को गाबोरोन पहुंचीं। उनके साथ जल शक्ति और रेल राज्य मंत्री वी. सोमन तथा सांसद पर्भुभाई नगरभाई वसावा और डी. के. अरुणा भी मौजूद थे।
वार्ता के दौरान दोनों देशों ने व्यापार और निवेश, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास और रक्षा सहयोग को नई दिशा देने पर बल दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत, बोत्सवाना के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अफ्रीका के साथ साझेदारी को सशक्त करने के लिए भारत-अफ्रीका फोरम समिट के ढांचे में मिलकर कार्य करेगा।
राष्ट्रपति बोकॉ ने भारत को “लोकतंत्र की जननी” बताते हुए कहा कि भारत ने बोत्सवाना के विकास में हमेशा प्रेरणा और सहयोग दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु के शिक्षा, लैंगिक समानता और सामाजिक उत्थान के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर दोनों देशों के बीच फार्माकोपिया (औषध संहिता) पर एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिससे बोत्सवाना के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती भारतीय दवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। भारत ने बोत्सवाना के अनुरोध पर एंटी-रेट्रोवायरल (एआरवी) दवाओं की आपूर्ति करने की भी घोषणा की।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के इतिहास में महत्वपूर्ण पड़ाव है, विशेषकर साल 2026 में होने वाली राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए।














