
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान के अनुच्छेद 80(1) के खंड (3) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए चार व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इस निर्णय में देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित व्यक्तियों को स्थान दिया गया है।
इन नामों में उच्च-स्तरीय आपराधिक मामलों को संभालने के लिए प्रसिद्ध सरकारी वकील उज्जवल देवराम निकम का नाम शामिल है, जो अपने क्षेत्र में खास पहचान रखते हैं। इसके अलावा, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद् सी. सदानंदन मस्ते का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।

राष्ट्रपति ने इन चार लोगों को किया नामित
- सरकारी वकील उज्जवल देवराम निकम, जो उच्च-स्तरीय आपराधिक मामलों को संभालने के लिए जाने जाते हैं।
- सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मस्ते, जो केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् के रूप में अपनी पहचान रखते हैं।
- पूर्व विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला।
- इतिहासकार मिनाक्षी जैन।
राष्ट्रपति मुर्मु ने इन नामों को संविधान के प्रावधानों के अनुसार मनोनयन किया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति को राष्ट्रीय हित में विशिष्ट योग्यता और प्रतिष्ठा रखने वाले व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने का अधिकार प्राप्त है।
यह निर्णय उन व्यक्तियों को सम्मानित करने और संसद में उनकी विशेषज्ञता और योगदान का योगदान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। उल्लेखनीय है कि इन नामों में से कई व्यक्ति अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखते हैं और देश की विभिन्न सामाजिक, विधिक, शैक्षिक एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं।