
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिससे देशभर में गुस्सा और शोक की लहर है. घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों में और भी तीखापन आ गया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ी सक्रियता
हमले की गंभीरता को देखते हुए देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियां और सैन्य नेतृत्व लगातार सक्रिय हो गया है. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने इसी संदर्भ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह अहम बैठक प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा की वर्तमान स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई.
एयर चीफ मार्शल की पहले हो चुकी है बैठक
यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब इसके ठीक एक दिन पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. उन्होंने वायुसेना की तैयारियों और सीमाओं पर स्थिति की जानकारी दी थी. रक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों का प्रधानमंत्री से लगातार मिलना यह दर्शाता है कि सरकार इस संकट को बेहद गंभीरता से ले रही है और हर स्तर पर जवाब देने की तैयारी कर रही है.
सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों की प्रधानमंत्री से वार्ता
पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकातें देश के तीनों सेनाओं के प्रमुखों से हो चुकी हैं. हाल ही में उन्होंने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से बैठक की थी. इससे पहले वे थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से भी मिल चुके हैं. इन मुलाकातों का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाना तथा आतंकी गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करने की रणनीति तैयार करना है.
कूटनीतिक और सैन्य विकल्पों पर विचार
जानकारों के अनुसार, प्रधानमंत्री की इन बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को लेकर आगे की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हो रहा है. भारत की ओर से यह संकेत भी दिया गया है कि आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जरूरी होने पर कड़े कदम उठाए जाएंगे.