रेलवे स्टेशन पर हाईवोल्टेज ड्रामा : लोको पायलट ने मालगाड़ी चलाने से किया मना, कहा- ‘मेरी ड्यूटी खत्म हो चुकी है’

Prayagraj : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक लोको पायलट ने अपनी ड्यूटी समाप्त होने के बाद मालगाड़ी चलाने से इनकार कर दिया, जिससे रेलवे स्टेशन पर हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। लोको पायलट का कहना था कि उसकी निर्धारित ड्यूटी का समय खत्म हो चुका है और वह अब अतिरिक्त काम नहीं करेगा। इस घटना से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया और पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए।

यह घटना तब हुई जब अप ऊंचाहार से फाफामऊ होते हुए लालगोपालगंज पहुंची मालगाड़ी पर कंट्रोल से आदेश आया कि लखनऊ इंटरसिटी ट्रेन को रास्ता दिया जाए। सहायक अधीक्षक दिलीप कुमार ने निर्देश का पालन किया और मालगाड़ी को प्लेटफार्म नंबर दो पर खड़ा कर दिया। इंटरसिटी ट्रेन आई और एक मिनट बाद उसने गुजरते हुए अपना रास्ता बनाया।

मालगाड़ी का संचालन नियम के मुताबिक, अब उसे आगे बढ़ना था, लेकिन जैसे ही हरी झंडी दिखाई गई, लोको पायलट ने हाथ खड़े कर दिए। पायलट का तर्क था, “मेरी ड्यूटी का समय खत्म हो चुका है, मैं ओवरटाइम कर रहा हूं और अब आप लोगों ने मुझे प्लेटफार्म पर रोककर मेरी नाराजगी और बढ़ा दी है। मैं 9 घंटे से अधिक समय से लगातार मालगाड़ी चला रहा हूं। यह अब बर्दाश्त से बाहर है।”

फिर क्या था, इंजन खामोश हो गया। वहां सवा घंटे का दृश्य कुछ हंसी-मज़ाक का था और कुछ झुंझलाहट भरा भी। पश्चिमी रेलवे के क्रॉसिंग का फाटक गिर रहा था, और जेठवारा मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। राहगीर परेशान हो गए, हर्न बजाते रहे, लेकिन पायलट अपनी जिद पर अड़ा रहा।

पुलिस और आरपीएफ मौके पर पहुंची, पर ड्राइवर नहीं माना। खाकी वर्दी वालों ने समझाने की कोशिश की, मिन्नतें कीं और रौब भी झाड़ा, लेकिन नाराज पायलट का दिल नहीं पसीजा। करीब एक घंटे 17 मिनट तक लालगोपालगंज का पश्चिमी फाटक पूरी दुनिया से कट गया।

आखिरकार, मामला बड़े अधिकारियों (कंट्रोल रूम) तक पहुंचा। फोन पर लंबी बातचीत हुई, जैसे किसी रूठे हुए रिश्तेदार को मनाया जाता है। तब जाकर दोपहर 12:43 बजे इंजन ने फिर से हुंकार भरी और मालगाड़ी रवाना हुई।

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