प्रयागराज: गंगा, यमुना ने मिलकर दिखाए रौद्र रूप डूब गये कई घाट

प्रयागराज : गंगा और यमुना का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार को बघाड़ा और अशोक नगर इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से 12 परिवारों के 50 लोग राहत शिविरों में पहुंच गए। आशंका है कि आने वाले दो से तीन दिनों में बड़ी संख्या में आमजन प्रभावित हो सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और अब उनकी नजर टोंस नदी के जलस्तर पर है। यदि वहां से पानी निकला, तो यहां आया जल आगे बढ़ेगा, लेकिन यदि वहां पानी रुका तो बैक फ्लो होगा, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है।

इसी महीने गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कई लोग राहत शिविरों में पहुंचे थे। जलस्तर कम होने के बाद वे लोग अपने घर लौट गए थे। अब जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बघाड़ा के तटीय क्षेत्रों में घरों में पानी आने लगा और दोपहर बाद एनी बेसेंट शिविर में सात परिवार शरण लेने पहुंच गए। इन परिवारों के 30 लोग रात तक शिविर में आ चुके थे, जबकि कैंट मैरिज हॉल में पांच परिवारों के 20 लोग पहुंच चुके थे। इन लोगों को आधार कार्ड के आधार पर शिविर में जगह दी गई।

इसके बाद अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का मुआयना किया। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह सुबह 10 बजे ही बक्शी बांध, बघाड़ा, सलोरी, राजापुर और बेली कछार इलाकों में पहुंचे और बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया। इस दौरान प्रशासनिक टीम ने तटीय क्षेत्रों में लोगों से बात की और उनसे आग्रह किया कि सभी राहत शिविर सक्रिय हैं। यदि किसी को समस्या है, तो वह घर न रुके और सीधे शिविर में जाए।

छह नावों का संचालन शुरू
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आम नागरिकों को लाने और ले जाने के लिए छह नावों का संचालन शुरू कर दिया गया है, जबकि बुधवार को केवल एक नाव चलाई गई थी। प्रशासन की ओर से जल पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को अपनी नावें तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

तीन गांव भी बाढ़ से प्रभावित
जलस्तर बढ़ने के कारण जिले के तीन गांव भी प्रभावित हो गए हैं। फूलपुर तहसील के बदरा, सोनौटी और करछना के देहली भगेसर गांव में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सभी स्थानों पर प्रशासनिक टीमें भेजी गई हैं।

27 राहत पैकेट वितरित
जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन की ओर से 27 राहत पैकेट भी वितरित किए गए हैं।

एसडीएम-तहसीलदार हर पल की ले रहे खबर
प्रयागराज में बाढ़ राहत शिविरों की तैयारियों की समीक्षा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने सर्किट हाउस में की। गुरुवार रात हुई बैठक में उन्होंने जलस्तर की जानकारी ली और निर्देश दिया कि एसडीएम व तहसीलदार लगातार लोगों के संपर्क में रहें। यदि किसी को आधी रात में भी आवश्यकता हो, तो उसे राहत शिविर में पहुंचाया जाए।

डीएम ने राहत शिविरों में पीने के पानी, भोजन, विद्युत, शौचालय, साफ-सफाई सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, बाढ़ राहत शिविरों में हेल्प डेस्क की व्यवस्था करने को कहा है, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।

कंट्रोल रूम सक्रिय
बाढ़ को देखते हुए कंट्रोल रूम सक्रिय है। यदि किसी को कोई परेशानी हो या सहायता की आवश्यकता हो, तो वह निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकता है:

कंट्रोल रूम नंबर
0532-2642577
0532-2642587
1077

प्रशासन बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। वास्तविक स्थिति की जानकारी जुटाने के लिए एसडीएम सदर को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया था। सभी से संपर्क कर आवश्यक मदद दी जा रही है।

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