
Prayagraj : करछना तहसील मुख्यालय और विकासखंड करछना में बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण एकत्र हुए तथा अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने नहरों की सफाई और सिंचाई व्यवस्था में सुधार की प्रमुख मांग उठाई। ग्रामीणों का कहना है कि मुण्डा रजबहा, अकोढ़ा राजबहा और करछना राजबहा की ठीक से सफाई न होने के कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच पाता। वहीं, नहरों का बाट अधिक ऊंचाई पर होने से पानी खेतों तक नहीं जा पा रहा है। किसानों का आरोप है कि अकोढ़ा राजबहा का पानी आज तक टेल तक नहीं पहुंचा, जिससे सिंचाई की बड़ी समस्या बनी हुई है।
ग्रामीणों ने पंचायत स्तर पर भी गंभीर मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि पंचायत घर सचिवालय पर नियमित बैठकें नहीं होतीं और सचिवालय वर्षों से बंद पड़ा है। रोजगार सेवक और ग्राम सचिवों के कार्यों पर सवाल उठाते हुए मनरेगा की जांच की मांग भी जोरदार तरीके से की गई। ग्रामीण नेता मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पिछले आठ वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
महिलाओं की समस्याओं को भी ज्ञापन में स्थान दिया गया। देहली भगेसर ग्राम सभा में विशेष पिंक बूथ की मांग की गई, ताकि महिलाओं को सुरक्षित मतदान का अवसर मिल सके। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में महिलाओं को दो किलोमीटर से अधिक दूर खतरनाक रास्तों से होकर मतदान स्थल तक पहुंचना पड़ता है, जबकि ग्राम सभा में एक हजार से अधिक महिला मतदाता हैं।
इसके अलावा, पनासा ग्राम सभा में बनी पानी की टंकी को लेकर भी नाराजगी जताई गई। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पहले बनी इस टंकी से अब तक किसी भी घर के नल में पानी नहीं आया है। कई बार शिकायत करने के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ज्ञापन सौंपने वालों में राहुल जमीदार, विजय कुमार पांडेय, बजरंगी मिश्रा, भीतमन्यु पांडेय, अजय मिश्र, राम आसरे कोटार, बेचनलाल वर्मा, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, घनश्याम तिवारी, दिगंबर पांडेय, अमित कुमार गौतम और कुसुम आदिवासी समेत कई ग्रामीण शामिल रहे।
इस दौरान विकासखंड करछना के एडीओ (आईएसबी) उदय भान मौके पर पहुंचे और किसानों के साथ धरना स्थल पर बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने ज्ञापन प्राप्त कर जल्द समाधान का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि इस बार उनकी समस्याओं का ठोस हल निकलेगा।
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