
प्रयागराज, कोराव। प्रदेश में योगी सरकार गौवंश संरक्षण के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर है। प्रयागराज के कोराव ब्लॉक के बेलहट गांव में अस्थायी गौशाला बनी हुई है, जिसमें सैकड़ों गौवंश रखे गए हैं। लेकिन इन पशुओं की हालत देखकर हर कोई हैरान रह जाता है।
गौशाला में न तो जिम्मेदार गौपालक नियमित रूप से भूसा, चारा और पानी मुहैया कराते हैं न ही पशु संरक्षण का सही प्रबंध नजर आता है। जंगल पहाड़ी क्षेत्र में बनी इस गौशाला में कई पशु पत्थर चाट रहे हैं। कई पशु भूख-प्यास से बेहाल होकर कमजोर हो चुके हैं। नियमित गौपालक नहीं रहने से आवारा कुत्ते गौशाला में घुसकर छोट-छोटे बछड़ों को नोच-खसोट कर मार रहे हैं।
गौशाला के आसपास मृत गौवंश की हड्डियों का जखीरा पड़ा है, जिन्हें फेंक दिया जाता है। मृत पशुओं को ढेलिया से बाहर निकालकर जंगल में फेंक दिया जाता है। इस खस्ताहाल व्यवस्था का कोई भी जिम्मेदार निरीक्षण करने नहीं आता।
दिया गया जानकारी के अनुसार, भवरहा गांव के निवासी दया शंकर पाल ने बताया कि दो महीने से लगभग दो दर्जन पशु मर चुके हैं। भूसा और चारे की व्यवस्था ठीक से नहीं होने के कारण पशु कमजोर हो रहे हैं। बारिश के कारण खराब हुए भूसे को पशु खा रहे हैं, जिससे फोड़े हो गए हैं और खून निकल रहा है। कई पशु बीमार हैं, लेकिन डॉक्टर का इलाज नहीं कराया जा रहा है।
गौशाला में मौजूद गौपालकों का कहना है कि 15 दिनों से डॉक्टर भी नहीं आए हैं, और पशुओं में बीमारी फैल रही है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि पशु मर रहे हैं।
वहीं, पसना में मुख्य गेट पर लिखा है कि बिना अनुमति के अंदर आना-जाना सख्त मना है, क्योंकि यहां की व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि गौशाला में मनमानी चल रही है, और पशु पालन की उचित व्यवस्था नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता पंडित महेंद्र प्रसाद शुक्ला ने जिलाधिकारी प्रयागराज का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए, तत्काल निरीक्षण और कार्रवाई की मांग की है। गौशाला संचालन समिति से इस संबंध में कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई है। खंड विकास अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि वे इस मामले को दिखवाएंगे।