Prayagraj : नियम क़ानून को ताक पर रखकर लीज व क्रेशर प्लांट हो रहा संचालन

  • रसूख के चलते नहीं हो रही कार्रवाही

Prayagraj : कोराव तहसील क्षेत्र के बेलहट, मंगलपुरी और पसना में लीज और क्रेशर प्लांट के संचालन से ग्रामीणों और स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है, लेकिन चाहकर भी वे कुछ नहीं कर पा रहे।

क्रेशर और लीज के पास काम कर रहे मजदूरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर हफ्ते पत्थर निकालने के लिए ब्लास्ट किया जाता है। आसपास के लोगों ने बताया कि कई बार बाहर से लोग हत्या कर लाश को इस कुंड में फेंक देते हैं, क्योंकि यह काफी सुनसान और गहरा है और अंदर घुसने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाता।

खुदाई करने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिट्टी डालकर जमीन के लेवल को ठीक करना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके लगभग डेढ़ से दो सौ फीट गहरा खुदाई बड़े पैमाने पर कई जगह बेलहट और मंगलपुरी में छोड़ दिया गया। इसके कारण रोजाना फालतू जानवर खाई में गिरकर मर जाते हैं। सुरक्षा का कोई इंतजाम किसी द्वारा नहीं किया गया।

समीप में बनी अस्थाई बेलहट गाँव की गौशाला में रहने वाले गौवंश पर भी पत्थर गिरते हैं, जिससे उन्हें चोटें लगती हैं। वहीं थोड़ी दूरी पर बने मंडल स्तर के अटल आवासीय विद्यालय में भी ब्लास्टिंग के समय कम्पन्न महसूस होता है, जिससे पठन-पाठन कर रहे छात्र भयभीत हो जाते हैं। ब्लास्टिंग ज्यादातर दोपहर में की जाती है, जिससे करोड़ों की लागत से बना भवन भी कम्पन्न से जर्जर हो सकता है।

स्थानीय लोग मानते हैं कि इससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। पशु, पक्षी और जंगली जानवर पलायन कर रहे हैं। आसपास वन विभाग द्वारा रोपे गए पौधों का विकास भी नहीं हो पा रहा। कुछ वर्ष पहले एक व्यक्ति की खाई में गिरने से मौत भी हो चुकी है।

बेलहट, मंगलपुरी गाँव के रहने वाले प्रकाश हरिजन पुत्र हीरा लाल ने बताया कि आसपास बने पक्के मकानों की छतों में दरारें आ रही हैं। लोग बताते हैं कि कुल तीन लीज हैं और वर्ष 2026 में उनकी समयावधि खत्म हो रही है। गिट्टी, स्टोन और डस्ट का परिवहन पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा है। अमोनिया और सल्फर से पानी दूषित हो रहा है, जो छोटी नहर से होकर बड़ी नहर में जा रहा है। यही पानी लोग, जीव-जंतु और पशु-पक्षी उपयोग कर रहे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है।

इस मामले में उपजिलाधिकारी कोराव को फोन किया गया। उन्होंने बताया कि डीएम साहब की मीटिंग में हैं। सामाजिक कार्यकर्ता पंडित महेंद्र प्रसाद शुक्ला ने जिलाधिकारी प्रयागराज का ध्यान आकृष्ट कराते हुए औचक निरीक्षण और जांच कार्रवाई की मांग की है।

पर्यावरण विभाग एनओसी देकर नहीं ले रहा सुध, ऊंची पकड़ के कारण नहीं होती कार्रवाई

कोराव तहसील क्षेत्र के बेलहट, पसना और आसपास लगे क्रेशर प्लांट से पर्यावरण दूषित हो रहा है। आसपास रह रहे गरीब लोग टीबी जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन गरीब और कमजोर होने के कारण कोई शिकायत नहीं कर पा रहा। स्थानीय जिम्मेदार और शासन प्रशासन भी कार्रवाई नहीं कर रहे।

बिना वैध प्रपत्र के वाहन धड़ल्ले से चल रहे

बड़े वाहन बिना दुरुस्त कागजात और नंबर प्लेट के क्रेशर प्लांट में फर्राटा भर रहे हैं। आसपास के लोग इनके पास भी नहीं जाते, डर रहता है कि कहीं सिर पर बोल्डर या पत्थर न गिर जाए। ओवरलोड ट्रालियों में बड़े-बड़े पत्थर लेकर फर्राटा भरने से गांव में टीबी और दमा के मरीजों को धूल और प्रदूषण से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

क्या कह रहे स्थानीय

स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस खेल में शासन-प्रशासन, खनन, पर्यावरण प्रदूषण और स्थानीय जिम्मेदारों की मिलीभगत से ब्लास्टिंग और परिवहन का खेल लगातार जारी है। नियम-कानून को ताक पर रखकर लीज और क्रेशर प्लांट का संचालन हो रहा है। स्थानीय लोग इस पर जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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