
मुंबई के पवई इलाके में आरए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या (49) की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जेजे अस्पताल (JJ Hospital) में हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि रोहित आर्या की मौत सीने में गोली लगने से हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली उनकी छाती में लगी और शरीर के आर-पार निकल गई, जिससे उनके बचने की कोई संभावना नहीं थी।
मुंबई पुलिस के अनुसार, बंधक बनाए गए बच्चों को छुड़ाने के लिए जब स्टूडियो में पुलिस और क्यूआरटी कमांडो घुसी तो रोहित आर्या ने एयर गन से फायरिंग की कोशिश की थी। इसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। रोहित आर्या को सीने में गोली लगी और गोली पीठ से बाहर आ गई। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
पूर्व मंत्री से होगी पूछताछ
इस मामले में एक और अहम जानकारी सामने आई है। रोहित आर्या ने सरकार के शिक्षा विभाग पर करीब 2 करोड़ रुपये की बकाया राशि न देने का आरोप लगाया था। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि इसी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया। अब राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने रोहित आर्या की कंपनी और राज्य शिक्षा विभाग के बीच हुए सभी व्यवहारों की रिपोर्ट तलब की है।
कथित तौर पर आर्या ने महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के लिए एक परियोजना के लिए काम किया था, लेकिन इसके पैसे उसे नहीं मिले थे। इस वजह से वह गहरे तनाव में था। इस मामले में शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक दीपक केसरकर से भी पूछताछ की जाएगी।
मानवाधिकार आयोग करेगा स्वतंत्र जांच
वहीं, पुलिस कार्रवाई में रोहित आर्या की मौत होने के कारण नियमानुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू कर दी गई है। साथ ही, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने विशेष जांच टीम गठित की है, जिसकी जिम्मेदारी पुलिस महानिरीक्षक विश्वास पांढरे और न्यायाधीश विजय केदार को दी गई है।
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम बदर ने मुंबई पुलिस आयुक्त और मजिस्ट्रेट से आठ हफ्तों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2026 को आयोग के खंडपीठ के सामने होगी।
पुलिस बंदोबस्त के बीच हुआ अंतिम संस्कार
पोस्टमॉर्टम के बाद रोहित आर्या का शव रविवार को परिवार को सौंपा गया। शनिवार तड़के पुणे के वैकुंठ स्मशानभूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनकी पत्नी, बेटे और कुछ करीबी रिश्तेदार मौजूद थे। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मौके पर भारी पुलिस बंदोबस्त तैनात था।















