
चंडीगढ़ : पंजाब में हालिया बाढ़ के बाद अब राजनीतिक दलों के दौरों की बाढ़ आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी सोमवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इन दौरों के पीछे 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों पर नजर है। भाजपा, जो किसान आंदोलन के बाद विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन कर चुकी है, अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार सक्रिय हो रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने हाल ही में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी गुरदासपुर पहुंचे और किसानों से मुलाकात की। पार्टी ने अब 25 केंद्रीय राज्य मंत्रियों को भी पंजाब के विभिन्न जिलों के दौरे पर भेजा है। ये दौरे 20 सितंबर तक जारी रहेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने पंजाब के लिए पांच करोड़ रुपये की राहत राशि और राहत सामग्री भेजी है।
वहीं, आम आदमी पार्टी भी मैदान में पूरी तरह सक्रिय है। केजरीवाल के दौरे के बाद पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने मोर्चा संभाला है और राज्य के सभी 15 मंत्रियों को भी राहत कार्यों में लगाया गया है। आप सरकार ने “जिसकी खेत उसकी रेत” नीति की घोषणा के साथ-साथ प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। पार्टी का लक्ष्य 2022 जैसा विधानसभा चुनावी प्रदर्शन दोहराना है और इसके लिए संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।
कांग्रेस भी पीछे नहीं है। पार्टी के प्रभारी भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस नेताओं ने हरसंभव मदद पहुंचाने का आह्वान किया है।
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत सामग्री वितरण में भाग लिया। अकाली दल और कांग्रेस दोनों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं, और यही वजह है कि सभी दल बाढ़ पीड़ितों के बीच सक्रियता दिखा रहे हैं।