
- न्याय प्रक्रिया से जुड़े ‘माननीयों’ पर लगा जबरन वसूली का आरोप
- ताकतवर के साथ खड़ी पुलिस ने वाहन के टकराने के मामले को सुलझाने की जगह बना दिया जटिल
लखनऊ। राजधानी में एक चौंकाने वाले मामले में एक वरिष्ठ नागरिक ने न्याय प्रक्रिया से जुड़े ‘माननीयों’ पर जबरन वसूली का आरोप लगाया है। आरोप है कि इन माननीयों ने एक कार दुर्घटना के बाद वरिष्ठ नागरिक को परेशान करना शुरू कर दिया और उन पर मामले को अदालत से बाहर निपटाने का दबाव बनाया जा रहा है।
यह घटना तीन महीने पहले हुई थी, जब वरिष्ठ नागरिक की पुरानी गाड़ी एक अन्य वाहन से टकरा गई थी। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दूसरे वाहन के चालक की गलती थी। वरिष्ठ नागरिक के बेटे और बहू ने मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में इन माननीयों ने कानूनी कार्रवाई की।
वरिष्ठ नागरिक के अधिवक्ताओं का कहना है कि माननीयों ने अपने पदों का उपयोग अनुचित प्रभाव डालने के लिए कर रहे हैं और जबरन वसूली का प्रयास कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने बताया कि माननीयों ने वरिष्ठ नागरिक को बार-बार पुलिस स्टेशन बुलवाया और उन पर दबाव डाला कि वे मामले को अदालत से बाहर निपटाएं।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस इस मामले में जिस तरह से काम कर रही है, वह नैतिकता के सभी मानकों को तोड़ती हुई प्रतीत हो रही है। पुलिस ने वरिष्ठ नागरिक को बार-बार बुलाया और उन पर दबाव बनाया कि वे मामले को निपटा दें। वरिष्ठ नागरिक के अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस माननीयों के इशारे पर काम कर रही है और वरिष्ठ नागरिक को परेशान कर रही है।
पुलिस की इस कार्रवाई ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है? क्या पुलिस माननीयों के दबाव में आकर वरिष्ठ नागरिक को परेशान कर रही है? ये सवाल जनता के मन में उठ रहे हैं और इसका जवाब पुलिस, न्यायपालिका, मीडिया को देना होगा?
वरिष्ठ नागरिक के अधिवक्ताओं ने न्यायपालिका और पुलिस से मांग की है कि वे इस मामले में जांच करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी मांग की है कि वरिष्ठ नागरिक को न्याय दिलाया जाए और उन्हें परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह मामला अभी भी जारी है और जनता को इसके नतीजे का इंतजार है। देखना यह है कि न्यायपालिका और पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और वरिष्ठ नागरिक को न्याय मिलता है या नहीं। जनता को उम्मीद है कि न्यायपालिका और पुलिस अपनी शक्ति का सही तरीके से उपयोग करेंगे और वरिष्ठ नागरिक को न्याय दिलाएंगे।