पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से एक मोटरसाइकिल और एक कार की बरामद,
धोखाधड़ी के अभी 16 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से है दूर,
मथुरा – थाना कोतवाली पुलिस को आज एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है बैंक के साथ फ्रॉड करने वाले 5 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी बैंक में सोने के नकली आभूषण रखकर और विभिन्न लोगों के नाम से लोन लिया करते थे 36 गोल्ड लोन के जरिए लगभग 3 करोड रुपए की रकम इन लोगों ने बैंकों से प्राप्त की पुलिस को मामले की जानकारी तब हुई जब कोतवाली क्षेत्र स्थित दो बैंकों की 4 शाखाओं के प्रबंधकों द्वारा सन 2021 में पुलिस को जानकारी दी कि कुछ लोगों द्वारा नकली सोना बैंक में रखकर और तीन करोड़ रुपए स्वीकृत करा लिए गए हैं पुलिस ने विवेचना की तो यह सच सामने आया कि राजेश अग्रवाल पुत्र निताईचरण निवासी गऊघाट ने गैंग बनाकर घटना को अंजाम दिया था यह सभी लोन 3 माह के अंदर कराए गए थे जिसमें 20 लाख रुपए धर्मेंद्र सोनी उर्फ तोती को दिए जिससे उसने एक चार पहिया कार आई 10 तथा एक अपाचे मोटरसाइकिल खरीदी ₹10 लाख दूसरे अभियुक्त शिशुपाल पुत्र दुर्ग पाल सिंह ले गया 25 लाख राजेश ने स्वयं अपने मकान के निर्माण में लगा दिए तथा 20 लाख अपनी लड़की श्रेया अग्रवाल के वुडन केऑनलाइन व्यापार में लगा दिया शेष रुपया लोन कराने वालेसह अभियुक्तों के पास है पकड़े गए आरोपियों में गैंग का मास्टरमाइंड और उसकी पुत्री भी शामिल है
वहीं घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया थाना कोतवाली क्षेत्र में कई दिनों से एक गैंग ऑपरेट कर रहा था फर्जी गोल्ड के आभूषणों के आधार पर कई बैंक शाखा उसे गोल्ड लोन ले रहे थे इस पूरे गिरोह का आज पर्दाफाश हुआ है जिसका का सरगना राजेश अग्रवाल है पुलिस ने इस मामले में आज कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है बैंक द्वारा जब क्वार्टर ली रिव्यू में गोल्ड की टेस्टिंग कराई गई तो गोल्ड फर्जी निकला तो इसकी सूचना उनके द्वारा पुलिस को दी गई पुलिस द्वारा इस पूरे प्रकरण में चार अभियोग पंजीकृत किए गए
क्या था ठगी करने का तरीका
आरोपी लोग गोल्ड के नकली आभूषणों के आधार पर बैंक से लोन के लिए अप्लाई करते थे जैसी की प्रक्रिया है कि बैंक की कुछ सुनार की दुकान इनपैनल्ड होती हैं जिन पर सोने की टंच या टेस्टिंग कराकर गोल्ड की प्योरिटी चेक की जाती है बैंक को धोखा देने के लिए इन शातिर अपराधियों ने उस टेस्टिंग वाली दुकान के नौकर को भी अपने साथ मिला लिया और उस के माध्यम से टेस्टिंग के समय पर गोल्ड की प्योरिटी का फर्जी सर्टिफिकेट जारी कराया गया और उस सर्टिफिकेट के आधार पर इनके द्वारा लोन लिया गया 2 करोड़ 80 लाख रुपए का लोन इस तरीके से विभिन्न लोगों के नाम पर लिया गया है इस पूरे गिरोह का काम करने का तरीका और जो लोग इसमें शामिल हैं इसके बारे में जानकारी की जा रही है पुलिस इसके लिए लगातार दबिश दे रही है आने वाले दिनों में और लोगों की भी इसमें गिरफ्तारी होगी साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है