पीएम मोदी का पंजाब दौरा : 1,600 करोड़ रुपये की फौरी राहत का ऐलान

चंडीगढ़ : पंजाब में हालिया आपदा को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तात्कालिक राहत के रूप में राज्य की मदद के लिए 1,600 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की है। हालांकि, केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट आने के बाद पंजाब को अतिरिक्त मुआवजा भी मिल सकता है। अपने पंजाब दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ने इस संबंध में संकेत दिए हैं।

पीएम मोदी ने पंजाबियों से बात करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र हमेशा पंजाब के साथ खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा। पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पंजाब में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने स्थानीय स्तर पर हालात का निरीक्षण किया और पंजाब की स्थिति प्रधानमंत्री को बताई।

हिमाचल और पंजाब का हवाई सर्वेक्षण

कृषि मंत्री की रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री को अत्यधिक बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों के पानी से पंजाब में हुई तबाही की जानकारी मिली। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पीएम ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब दोनों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दरियाओं की स्थिति, उजड़े हुए गांव, जर्जर भवन और फसलों की क्षति को देखा। विमान में अधिकारियों ने पीएम को बाढ़ प्रभावित इलाकों का नक्शा दिखाया। उफान के कारण बिगड़े हुए दरियाओं और जर्जर बांधों की स्थिति देखकर प्रधानमंत्री मोदी ने चिंता व्यक्त की।

बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात

बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलते हुए पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि केंद्र ने नुकसान का आकलन करने के लिए पंजाब में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल भेजे हैं। इन दलों की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर निर्णय लिया जाएगा। केंद्र सरकार राज्य की ओर से प्रस्तुत ज्ञापन और केंद्रीय दलों की रिपोर्ट के आधार पर स्थिति का आकलन करेगी। प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार आगे भी हर संभव मदद करेगी। पंजाब सरकार ने केंद्रीय दल को सूबे में लगभग 13,000 करोड़ रुपये के नुकसान की जानकारी दी है।

पुनर्वास और राहत उपायों पर चर्चा

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर पंजाब में राहत और पुनर्वास उपायों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से किसानों और प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं और ढांचागत निर्माण के लिए व्यापक स्तर पर काम करना आवश्यक है।

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