पीएम मोदी का RSS का सफर…. इस सपने के साथ संघ में हुए थे शामिल

आज पीएम मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार महाराष्ट्र के नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय गए। पीएम मोदी ने आरएसएस के संस्थापक को श्रद्धाजंलि दी। वह राजनीति में प्रवेश करने से पहले संघ से जुड़े थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय जाने का निर्णय लिया। यह यात्रा न केवल उनके राजनीतिक प्रभाव और संगठनात्मक ताने-बाने को दर्शाती है, बल्कि इसमें उनकी विचारधारा और व्यक्तिगत प्रेरणाओं का गहरा संबंध भी है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक हिन्दू राष्ट्रीय सहयोगिता संगठन है, जिसे 1925 में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य हिन्दू संस्कृति को सशक्त बनाना और भारत के सामाजिक व राजनीतिक जीवन में सक्रिय भागीदारी करना है। RSS का यह विश्वास है कि भारत की सांस्कृतिक पहचान हिन्दू संस्कृति से जुड़ी हुई है।

पहले आरएसएस से जुड़े थे नरेंद्र मोदी

मोदी का संघ के साथ जुड़ाव काफी गहरा है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत संघ से की थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। मोदी की राजनीतिक विचारधारा और कार्यशैली में संघ के विचारों का बड़ा योगदान रहा है। संघ ने उन्हें न केवल राजनीतिक मंच पर स्थापित करने में मदद की, बल्कि उनके व्यक्तित्व के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पीएम मोदी के संघ का सफर

  • पीएम मोदी का संघ में जाना उनके पुराने संबंधों को नवीनीकरण का एक संकेत हो सकता है। यह दर्शाता है कि वे संघ के मूल्यों और सोच के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनर्स्थापित कर रहे हैं।
  • इस प्रकार की यात्रा से मोदी यह संदेश देना चाहते हैं कि वे संघ के विचारों के प्रति गंभीर हैं और देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने में लगे हुए हैं।
  • संघ के जरिए मोदी इस बात को भी बल देना चाहते हैं कि वे सामाजिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह उनकी नीतियों के प्रति समाज में विश्वास और समर्थन को बढ़ाने में सहायक होगा।
  • इससे उनके समर्थकों को एक साफ संदेश मिलता है कि वे संघ के विचारों को अपनाते हुए देश को दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं। इससे भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

    पीएम मोदी का आरएसएस में जाना उनकी राजनीतिक योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा का एक हिस्सा है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में संघ के महत्व को भी रेखांकित करता है। मोदी द्वारा संघ के साथ जुड़ाव यह संकेत देता है कि वे अपने राजनीतिक एजेंडे को मजबूत करने के लिए एक सशक्त सांस्कृतिक आधार की आवश्यकता को समझते हैं, और इसका लाभ उनकी सरकार और पार्टी को भी मिलेगा।

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