
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में इथियोपिया के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया और इसे “शेरों की भूमि” बताते हुए कहा कि उन्हें इस देश में घर जैसा महसूस हो रहा है। उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रगान की तुलना करते हुए बताया कि भारत और इथियोपिया के राष्ट्रगानों में भूमि को “मां” कहा गया है।
संसद के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज इस लोकतंत्र के मंदिर में खड़ा होना उनके लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। उन्होंने 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाओं के साथ इथियोपिया की संसद और वहां की लोकतांत्रिक यात्रा के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि जब जनता और राज्य का पहिया सामंजस्य में चलता है, तो प्रगति का पहिया आशा और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ता है।
पीएम मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को भारत की ओर से उनके सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, इथियोपिया का ग्रैंड ऑनर निशान प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने विनम्रतापूर्वक इसे स्वीकार किया और भारतीय जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक बताते हुए कहा कि इसका इतिहास पहाड़ों, घाटियों और लोगों के दिलों में जीवंत है। उन्होंने सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर देते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रगान “वंदे मातरम” और इथियोपिया के राष्ट्रगान दोनों में धरती को “मां” कहा गया है। यह साझा दृष्टिकोण दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत और मातृभूमि के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
गौरतलब है कि यह संबोधन प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ हुई व्यापक द्विपक्षीय वार्ता के अगले दिन आया, जिसमें भारत और इथियोपिया ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। वार्ता में खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा, क्षमता निर्माण, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल टूरिज्म, ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की गई।
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