पीएम मोदी से की एयर चीफ मार्शल ने मुलाकात, सुरक्षा समीक्षा पर की चर्चा

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के बीच, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने रविवार को पीएम मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए चल रही उच्च-स्तरीय बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सूत्रों ने इस मुलाकात की पुष्टि की है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर देश भर में लगातार उच्चस्तरीय चर्चाएं हो रही हैं।

इससे पहले, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने शनिवार को प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इन बैठकों को पाकिस्तान से जुड़े आतंकी खतरे और भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।

यह मुलाकात प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे। इस बैठक में देश की सुरक्षा स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया था।

पहलगाम हमले के अगले दिन कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की भी एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। सरकार ने इस हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का संकल्प व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी और सुरक्षा अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों और उनके सरपरस्तों को कड़ी सजा दी जाएगी।

सरकार ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के समय, तरीके और प्रकृति पर निर्णय लेने की पूरी छूट दी है। इसके अलावा, पहलगाम हमले के बाद सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के हर कदम का पूर्ण समर्थन करने का आश्वासन दिया था।

सीसीएस बैठक में यह भी बताया गया कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों की सफलता और आर्थिक विकास की दिशा में हो रही प्रगति को बाधित करने का एक प्रयास था। इसे भारत की स्थिरता और लोकतंत्र को चुनौती देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को मजबूत करने के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित करने जैसे कई कदम उठाए हैं। इन कदमों को पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देने और सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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