
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े खास तोहफे देने की परंपरा रही है, और उनका यह कदम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने लाने का एक अहम हिस्सा है। हाल ही में, पेरिस एआई समिट में हिस्सा लेने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को एक अद्वितीय भारतीय कला के टुकड़े, डोकरा कलाकृति, भेंट की। यह कलाकृति छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित धातु-ढलाई परंपरा का हिस्सा है और भारतीय आदिवासी संस्कृति का अहम प्रतीक मानी जाती है।
डोकरा कलाकृति और इसका सांस्कृतिक महत्व

डोकरा कलाकृति भारतीय आदिवासी संस्कृति से जुड़ी हुई है, जिसमें खोई हुई मोम तकनीक का उपयोग करके बारीक शिल्प कौशल दिखाया जाता है। इस कला के माध्यम से पारंपरिक संगीतकारों को गतिशील मुद्राओं में दर्शाया जाता है, जो भारतीय संगीत की सांस्कृतिक महत्ता को उजागर करती है। यह कलाकृति सजावट से कहीं अधिक है; यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और भारत की समृद्ध आदिवासी कला की गहरी परंपराओं को दर्शाती है।
फ्रांस में भारतीय संस्कृति का प्रसार
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात और रात्रि भोज के दौरान इस कलाकृति को भेंट किया, जो केवल सजावट के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय शिल्पकला और कारीगरी का सम्मान और परिचय है। इस कलाकृति में पीतल और तांबे के मिश्रण के साथ लैपिस लाजुली (lapis lazuli) और मूंगा का उपयोग किया गया है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस भेंट के माध्यम से फ्रांस में भारतीय संस्कृति को और अधिक प्रकट किया और फ्रांसीसी मेहमानों को भारतीय कला से परिचित कराया।
मैक्रों का उत्साह और अन्य तोहफे
राष्ट्रपति मैक्रों भारतीय संस्कृति से जुड़े इस अनोखे तोहफे से गदगद नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल मैक्रों को डोकरा कलाकृति दी, बल्कि उनकी पत्नी को भी चांदी का एक सुंदर दर्पण भेंट किया। यह भारतीय शिल्पकला और संस्कृति के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की सराहना को दर्शाता है।
सावरकर को नमन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने फ्रांस दौरे के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मार्सिले में सावरकर के साहसिक प्रयासों को याद किया, जहां उन्होंने ब्रिटिश बंदीगृह से भागने का प्रयास किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने सावरकर को ब्रिटिश हिरासत में न सौंपने की मांग की थी। पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा, “वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी!”
इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा भारतीय संस्कृति, शिल्पकला, और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण अवसर बना।












