अगर सच सच में ही सच है तो अक्सर हार जाएगा…..

 

अग्रसेन वाटिका में मकर संक्रांति पर हुआ मुशायरा

भास्कर ब्यूरो

गाज़ियाबाद। महाराज अग्रसेन जन सेवा कल्याण ट्रस्ट की तरफ से अग्रसेन वाटिका में आयोजित आयोजित कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में शायरों ने देर तक अपनी रचनाओं से श्रोताओं को आनंद लुटाया। मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शायर विजेंद्र सिंह परवाज, राज कौशिक, मुमताज नसीम, मासूम गाजियाबादी, अंदाज़ देहलवी और डॉ रेखा सिंह ने काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ रेखा सिंह के काव्य पाठ से हुई। उन्होंने प्यार मोहब्बत के साथ साथ जिंदगी की कई हकीकतों के ऊपर रचनाएं सुनाईं। मासूम गाजियाबादी ने कमजोर और दबे कुचले वर्गो को फोकस में रखते हुए शानदार शेर सुनाए। शायर व कार्यक्रम के संचालक राज कौशिक का यह शेर बहुत पसंद किया गया- कहीं ये सोच मत लेना वफादारी नहीं हममें, कभी है तो बस इतनी सी, अदाकारी नहीं हममें।

इस शेर पर भी उन्हें भरपूर दाद मिली- नहीं ज्यादा लड़ेगा वो गिरा हथियार जाएगा, अगर सच सच में ही सच है तो अक्सर हार जाएगा। विजेंद्र सिंह परवाज को इस शेर पर खूब तालियां मिलीं- जब अमीरी में मुझे गुरबत के दिन याद आ गए, कार में बैठा हुआ पैदल सफर करता रहा। अंदाज़ देहलवी को भी श्रोताओं ने खूब पसंद किया। इस शेर पर उन्हें खूब दाद मिली- तेरी मेरी यही एक पहचान है, मैं तेरी जान हूं, तू मेरी जान है..

. क्या मेरी झोपड़ी क्या ये तेरा महल, मैं भी मेहमान हूं तू भी मेहमान है। मुमताज नसीम के तरन्नुम में सुनाए शेरों पर श्रोता देर तक झूमे। तुझे कैसे इल्म ना हो सका, तुझे कैसे ना ये खबर हुई, तेरे शहर की एक शायरा तेरे इंतजार में मर गई, गजल को लोगों ने बेहद पसंद किया। इससे पहले शायरों को स्मृति चिन्ह देकर व फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। ट्रस्ट से जुड़े संदीप सिंघल, वीके अग्रवाल, राजेश गुप्ता, आशु बिंदल, प्रदीप सिंघल, सतीश मित्तल, गुंजन, श्वेता, राजीव आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर ट्रस्ट की ओर से हज़ारों लोगों को खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया।

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