
पूरनपुर, पीलीभीत। बाघ ने नगर की आबादी से महज दो कि. मी दूर गन्ने के खेत में छुट्टा गोवंशीय पशु पर हमला कर निवाला बना लिया। खेत में गोवंशीय पशु का शव पड़ा देख खलबली मच गई। सूचना पर पहुंची सामाजिक वानिकी विभाग की टीम ने घटनास्थल पर बाघ के पगमार्क ट्रेस किए। घटना से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।
पीटीआर की बराही रेंज के जंगल से निकले बाघ ने पूरनपुर से महज दो कि.मी दूर मौजूदगी दर्ज कराई है। नगर की ओर बढ़ रहे बाघ के मूवमेंट को लेकर वन विभाग के अधिकारी भी चिंतित हैं। बुधवार गांव गुलडहा की आबादी के निकट छुट्टा गोवंशीय पशु पर हमले के बाद बाघ खीरी नौबरामद के पास गन्ने के खेतों में छुपा हुआ था। टीम निगरानी कर रही थी। गुरुवार रात बाघ टीम को गच्चा देकर नगर की आबादी के पास पंहुच गया। बाघ ने भगवंतापुर रोड पर निर्माणाधीन पानी टंकी के निकट मुझा कला निवासी साजिद के खेत में छुट्टा गोवंश का शिकार कर लिया। शव गन्ने के खेत में खींच ले गया।
शुक्रवार सुबह खेत पर गए ग्रामीण गोवंशीय पशु के लहूलुहान शव को देख सहम गए। घटनास्थल के आसपास बाघ के पगमार्क और दोनों के बीच संघर्ष के निशान बने हुए थे। घटना की जानकारी से खलबली मच गई। जानकारी पर दर्जनों ग्रामीण एकत्र हो गए। सूचना पर सामाजिक वानिकी उप क्षेत्रीय वनाधिकारी कपिल कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर बाघ के पगमार्क ट्रेस किए। गोवंश के शव को मिट्टी में दफन करा दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि बाघ लगातार आबादी के आसपास हमले कर रहा है। बाघ की दहशत से किसान खेतों पर नही जा रहे हैं। गन्ना छिलाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। किसानों ने बाघ को पकड़ने की मांग की है। सामाजिक वानिकी रेंजर सोबरन लाल ने बताया कि सूचना पर टीम को भेजा गया है। उच्चाधिकारियों को पत्राचार कर रेस्क्यू की अनुमति के प्रयास किए जा रहे हैं। टीम निगरानी कर रही है।
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