
पूरनपुर, पीलीभीत। पूरनपुर की दि किसान सहकारी चीनी मिल की हालत आज भी जस की तस बनी हुई है। शासन ने दो वर्ष पूर्व इस मिल की जर्जर मशीनरी के मरम्मत के लिए 18 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, लेकिन न तो कोई ठोस मरम्मत कार्य हुआ और न ही मशीनों की हालत सुधरी। मिल में पेराई सत्र के दौरान बार-बार रुकावटें आती हैं और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
18 करोड़ की मरम्मत योजना बनी मजाक –
स्थानीय किसान इसे खुला भ्रष्टाचार मान रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 18 करोड़ रुपये किस मद में खर्च हो गए? न मशीन बदली, न ढांचा मजबूत हुआ — फिर ये रकम कहां गई?
नवीनीकरण को लेकर विधायक ने मुख्यमंत्री को सौंपा पत्र –
पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर दि किसान सहकारी चीनी मिल, पूरनपुर के नवीनीकरण की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि यह मिल 1980 के दशक में बनी थी और अब पूरी तरह जर्जर हालत में है। मशीनों की खराब स्थिति के कारण पेराई क्षमता घटती जा रही है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
गन्ना भेजते हैं निजी मिलों में, पूरनपुर की मिल बेहाल –
विधायक ने लिखा है कि पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां के किसान अपनी उपज सात अन्य निजी मिलों को भेजने को मजबूर हैं। उन्होंने इसे जनहित और किसानों के हित में बताया कि मिल का नवीनीकरण कराया जाए।
100 एकड़ जमीन का उपयोग कब होगा ?
पत्र में यह भी उल्लेख है कि चीनी मिल नेशनल हाईवे पर करीब 100 एकड़ बेशकीमती सरकारी जमीन पर स्थित है, जहां गन्ना शोधन केंद्र या नई इकाई स्थापित की जा सकती है, जिससे सरकार और किसानों दोनों को लाभ होगा।
“मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई” — किसान नेता

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा कि वर्ष 2012 से वह चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाकर 5000 टी.डी.सी. करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि दो साल पहले शासन से मिले 18 करोड़ रुपये मरम्मत के नाम पर हजम कर लिए गए और आज तक मिल की हालत वैसी ही बनी हुई है।
भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग –
मंजीत सिंह ने कहा, “मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई है। मशीनें आज भी पुरानी हैं, पेराई सत्र बार-बार रुकता है और किसानों की कोई सुनवाई नहीं होती। यह खुला भ्रष्टाचार है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।”
किसानों में आक्रोश, अब नहीं सहेंगे चुप्पी –
पूरनपुर के गन्ना किसान अब इस पूरे मामले को लेकर आक्रोश में हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई और जवाबदेही तय नहीं की गई, तो वे आंदोलन की राह पर उतरने को मजबूर होंगे।