पीलीभीत : रेलवे ने बिना नोटिस दिए की कार्रवाई, लोगों और हिंदू संगठनों में भड़का आक्रोश, प्राचीन मंदिर परिसर में तोड़ी गई यज्ञशाला

  • बजरंग दल ने ज्ञापन सौंपकर दी आंदोलन की चेतावनी, विधायक और केंद्रीय मंत्री ने की उच्चाधिकारियों से की बात

पूरनपुर ,पीलीभीत। 129 विधानसभा पूरनपुर के ग्राम धर्मापुर स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल श्री सतवईया बाबा मंदिर (सात पीपल स्थान) में शनिवार को रेलवे विभाग की अचानक कार्रवाई ने विवाद खड़ा कर दिया। रेलवे अधिकारियों और RPF टीम ने बिना किसी सूचना या नोटिस के बुलडोज़र चलवाकर मंदिर परिसर की यज्ञशाला, यात्री शेड, और हैडपंप को ध्वस्त कर दिया। इस कदम से स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी है।

हर अमावस्या-पूर्णिमा को लगता है मेला, हजारों श्रद्धालु जुटते हैं

यह धार्मिक स्थल वर्षों पुराना है और हर अमावस्या व पूर्णिमा को यहां विशाल मेला लगता है जिसमें दसों हजार श्रद्धालु शामिल होते हैं। श्रद्धालुओं के ठहराव और पूजा के लिए मंदिर परिसर में यज्ञशाला और अन्य सुविधाएं बनाई गई थीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेलवे विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया या सूचना के बिना यह कार्रवाई की गई।

बजरंग दल ने लिया मोर्चा, मौके पर पहुंचे पदाधिकारी

रेलवे की इस कार्रवाई की जानकारी मिलते ही भारतीय बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को दोबारा यज्ञशाला निर्माण का आश्वासन दिया।

रेलमंत्री को ज्ञापन, चेतावनी : नहीं मानी बात तो होगा आंदोलन

सोमवार दोपहर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी (SDM) को सौंपा, जिसमें संबंधित अधिकारियों और RPF इंस्पेक्टर को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गई। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि कार्यवाही नहीं हुई तो जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

विधायक से लेकर केंद्रीय मंत्री तक पहुंचा मामला

इस बीच, विधायक बाबूराम पासवान ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए पीलीभीत के सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, जिलाधिकारी पीलीभीत, और डीआरएम से फोन पर वार्ता की। अधिकारियों ने बिना अनुमति धार्मिक स्थल को गिराने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

सपा नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष आरती महेन्द्र भी पहुंचीं, जताया समर्थन

घटना के बाद सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) की नेता, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी आरती महेन्द्र भी सतभैया बाबा धाम पहुंचीं। उन्होंने पुजारी रामदास महाराज और उपस्थित ग्रामीणों से मिलकर पूरी स्थिति को समझा और हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि धर्मस्थल के साथ अन्याय नहीं सहा जाएगा और लोगों की आस्था की रक्षा के लिए वे हर स्तर पर आवाज उठाएंगी।

धार्मिक असमानता का आरोप, सौंदर्यीकरण बनाम विध्वंस

ग्रामीणों और संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे विभाग अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण करवा रहा है, जबकि हिंदू स्थलों को निशाना बनाकर तोड़ा जा रहा है, जो सीधे तौर पर पक्षपातपूर्ण रवैये को दर्शाता है।

प्रमुख संत और पदाधिकारी रहे मौजूद

घटनास्थल पर बाबा राघव दास जी महाराज, महंत राममूर्ति (सतभैया बाबा मंदिर), बजरंग दल जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा, भाजपा नगर अध्यक्ष हर्ष प्रधान, सूरज बाथम, हरिश्चंद्र शुक्ला, और कई स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कार्रवाई की निंदा की और धार्मिक स्थल के पुनर्निर्माण की मांग की।

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