पीलीभीत : पीलीभीत से होकर नहीं गुजरेगा गोरखपुर एक्सप्रेसवे

भास्कर ब्यूरो

  • जनपद पीलीभीत की उम्मीदों को लगा बड़ा झटका

पीलीभीत। गोरखपुर एक्सप्रेस वे से उम्मीद लगाये जनपद पीलीभीत के लोगों को बड़ा झटका लगा है, सरकार ने पीलीभीत की अनदेखी करते हुए 22 जिलों की सूची से नाम हटा दिया है। भाजपा सरकार की इस दोहरी नीति से व्यापारी और स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी भी देखने को मिल रही है। हालांकि, उक्त मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शिवम कश्यप ने केंद्रीय राज्य मंत्री को पत्र लिखकर जिले को गोरखपुर एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित योजना में शामिल करने की मांग की है।

दरअसल, पिछले करीब 8 वर्षों से रेलवे की परियोजनाएं जिले में धूल चाट रही है और महानगरों के लिए यातायात के अच्छे संसाधन ना होने पर लोग पहले ही नाराज थे। वहीं, गोरखपुर एक्सप्रेसवे आने की उम्मीद में संयम बना हुआ था, जिसे अब सरकार ने तोड़ दिया है, संशोधित प्रस्ताव में जिला पीलीभीत का नाम गायब है, उक्त मामले में शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता शिवम कश्यप ने जनहित के मसले पर आवाज उठाई है, उन्होंने गोरखपुर एक्सप्रेसवे जनपद के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद को पत्राचार करते हुए गोरखपुर – शामली एक्सप्रेसवे में जनपद पीलीभीत को शामिल करने का अनुरोध किया है, शिवम कश्यप ने केंद्रीय राज्य मंत्री का ध्यान आकर्षण करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित योजना में पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर, बरेली और लखीमपुर शामिल किए गए हैं, यहां तक की हरदोई, सीतापुर और बदायूं को भी वरीयता मिली है। लेकिन जनपद पीलीभीत को नजरअंदाज करते हुए 22 जिलों की सूची में नाम को शामिल नहीं किया गया।

इसमें गौर करने वाली बात यह है कि गोरखपुर शामली एक्सप्रेस वे में पहले जनपद पीलीभीत को शामिल किया गया था, लेकिन बाद में संशोधित प्रस्ताव के दौरान जिला पीलीभीत की अनदेखी कर दी गई। अधिवक्ता शिवम कश्यप ने जनहित के बड़े मुद्दे पर केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद से अनुरोध किया है कि जिला पीलीभीत को प्रस्तावित योजना में शामिल करके गोरखपुर- शामली एक्सप्रेस वे का लाभ दिलाने का काम करें जिससे जनपद पीलीभीत के विकास में अहम योगदान होगा। पर्यटन क्षेत्र की दृष्टि से पीलीभीत टाइगर रिजर्व और गोमती उद्गम स्थल के साथ-साथ भगवान शिव का ऐतिहासिक मंदिर गौरी शंकर का भी महत्व बढ़ जाएगा। शिवम कश्यप का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पत्राचार को संज्ञान में लेकर जनपद पीलीभीत का नाम भी प्रस्तावित गोरखपुर शामली एक्सप्रेस वे योजना में शामिल होगा।

गोरखपुर – शामली एक्सप्रेस वे में शामिल होने वाले जनपद

उत्तर प्रदेश में यह एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने का काम करेगा, जिसमें जनपद गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, अयोध्या, गोंडा, संत कबीर नगर, बलरामपुर और बस्ती, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, बदायूं, हरदोई, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, मुजफ्फरनगर, शामली, संभल, अमरोहा, बिजनौर और मेरठ को शामिल किया गया है।

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