
पीलीभीत। ग्राम प्रधानों ने संयुक्त रूप से गौशालाओं में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर लिखित रूप से 8 सूत्रीय मांग पत्र दिया है।
विकासखंड बिलसंडा से संयुक्त रूप से जिला मुख्यालय पर पहुंचे ग्राम प्रधानों ने गौशालाओं में अव्यवस्थाओं के नाम पर कुछ लोगों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। ग्राम प्रधानों का तर्क है कि चुनावी वर्ष में अनावश्यक रूप से गौशालाओं की शिकायतें हो रही हैं, जिससे गौशालाओं के संचालन में काफी समस्याएं आ रही हैं।
पंचायत चुनाव नजदीक है और प्रतिद्वंद्वी गलत मानसा से अनधिकृत रूप से गोवंश के बहाने ग्राम प्रधानों का शोषण कर रहे हैं। फर्जी तरीके से गौ रक्षक बनकर अवैध वसूली और केयरटेकर के साथ गाली-गलौज, मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं। ग्राम प्रधानों ने ऐसे पेशेवर लोगों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई है।
मांग पत्र में यह भी कहा गया है कि गौशालाओं की वीडियो और फोटो खींचकर ग्राम प्रधानों को ब्लैकमेल किया जाता है। मांग पत्र में स्पष्ट रूप से गौशालाओं में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है।
दो पन्नों के इस मांग पत्र में ग्राम प्रधानों ने आठ बिंदुओं पर जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है। इनमें मुख्य रूप से ग्राम प्रधान, रक्षपाल, धनवती, महेंद्र पाल, मोहम्मद रफी आदि ग्राम प्रधान शामिल हैं।
पीलीभीत जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि ग्राम प्रधानों ने संयुक्त रूप से एक ज्ञापन दिया है।गौशाला में अगर कोई अव्यवस्था है तो मुझे बताएं, मैं सीधे कार्रवाई करता हूं। अगर कोई गौशाला देखना चाहता है तो पशु चिकित्सा अधिकारी के साथ जा सकता है।
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