पीलीभीत : तेज़ हवा और बारिश से खेतों में बिछी धान की फसल, मंडी में भीगा धान

बीसलपुर/पीलीभीत। सोमवार की शाम आसमान से बरसी आफत ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। दिनभर की उमस और गर्मी के बाद आई तेज़ हवा और बारिश ने जहां आमजन को थोड़ी राहत दी। वहीं, किसानों के अरमानों पर कहर बनकर टूटी। खेतों में लहराती और पककर तैयार धान की फसल अब पानी और मिट्टी में मिल गई। जनपद की मंडी बीसलपुर, पूरनपुर और पीलीभीत में धान बारिश में भीग गया। जिससे किसानों को काफी नुकसान होने का अनुमान है।

बीती रात तेज़ हवाओं के साथ आई बारिश ने अधिकांश खेतों में खड़ी धान की बालियों को गिरा दिया। कई जगह पूरी फसल गिर गई, जिससे कटाई में भारी परेशानी आने वाली है। किसानों का कहना है कि बालियां पानी में डूबने से दाने सड़ने और अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है, जिससे लाखों रुपये का नुकसान तय है। मंगलवार सुबह भी आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश जारी हुई। सड़कों पर जलभराव और बाजारों में सन्नाटा छाया रहा।

सांसद प्रतिनिधि देव स्वरूप पटेल ने केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद से बातचीत कर किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के तहत तत्काल आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि “किसान खरीफ सीजन में लगातार दोहरी मार झेल रहे हैं। पहले बाढ़ और अब बेमौसम बारिश से फसलें चौपट हो गईं।” पटेल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को किसानों की हरसंभव मदद के निर्देश दिए हैं। पीलीभीत मंडी में भीगा धान पहुंचना है। किसान तिरपाल बिछाकर हल्की धूप की उम्मीद में धान सुखाने में जुटे हैं।

किसानों का कहना है कि अगर फसल सूखी नहीं तो दाने काले पड़ जाएंगे और मंडी में उचित दाम मिलना मुश्किल होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक और कृषि विभाग बीमा राशि वसूलते हैं, मगर प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होने पर बीमा कंपनियां मुआवज़ा देने से कतराती हैं। इस दौरान तमाम किसानों ने समस्याओं को रखा और मुआवजा दिलाने की मांग उठाई, यहां पर मुख्य रूप से
रामू, ग्राम सैजनिया, बब्लू, ग्राम पूर्वा भूड़ा, राघवेंद्र कुमार ग्राम सिरसा रामपुरिया के किसान मौजूद रहे।

यह भी पढ़े : ‘जुर्म मत करो, जुर्म सहो मत’, सीट शेयरिंग पर चिराग पासवान बोले- ‘सही समय आने दीजिए, सब बता देंगे..’

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें