
भास्कर ब्यूरो
पूरनपुर, पीलीभीत। जनता की अनदेखी, पंचायतों की बेइज्जती और माननीयों से अक्खड़पन, आखिरकार शिरीष वर्मा को महंगा पड़ ही गया। विकास खंड पूरनपुर के खंड विकास अधिकारी (BDO) शिरीष कुमार वर्मा को शासन ने तत्काल प्रभाव से लखनऊ भेज दिया है। अब वे आयुक्त, ग्राम विकास कार्यालय, लखनऊ से संबद्ध रहेंगे। जिन्हें लगता था कि कुर्सी पर बैठकर जनता से आंखें मिलाने की जरूरत नहीं, उन्हें अब लखनऊ की फाइलों में झांकने भेज दिया गया है।
कई महीनों से उथल पुथल था ब्लॉक
पूरनपुर में शिरीष वर्मा का कार्यकाल विवादों, अभद्र भाषा और जनता से टकराव से भरा रहा। शिकायतें थीं कि अधिकारी साहब विकास कार्यों को दबाए बैठे थे, ग्राम प्रधानों से दुर्व्यवहार करते थे और फील्ड से ज्यादा ऑफिस की चारदीवारी में ‘राजा’ बने बैठे थे। जनप्रतिनिधियों को तवज्जो न देना और खुद को कानून से ऊपर समझना ही उनके पतन की असली वजह बन गया।
माननीय के दखल से हुआ ट्रांसफर
हाल ही में एक माननीय की मौजूदगी में हुई बैठक में शिरिष वर्मा का व्यवहार ऐसा रहा कि माननीय ने खुद शासन से शिकायत की। नाराज़गी इतनी तीव्र थी कि शासन ने किसी भी जांच की औपचारिकता के बिना तुरंत ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया।
सरकारी आदेश में साफ लिखा- तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण
” शिरीष कुमार, खंड विकास अधिकारी, पूरनपुर को प्रशासनिक आधार पर आयुक्त, ग्राम विकास, लखनऊ से संबद्ध किया जाता है। वह तत्काल कार्यभार ग्रहण करें।”
तबादले से पंचायत प्रतिनिधियों में खुशी
ट्रांसफर की खबर फैलते ही विभागीय खलबली, कई पंचायतों में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रधान संघ के एक पदाधिकारी ने कहा, “यह कदम बहुत पहले उठ जाना चाहिए था, अब बाकी अधिकारियों के लिए भी यह संदेश है कि जनता को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।”
अब लखनऊ मुख्यालय पर करेंगे नौकरी
पूरनपुर की जनता और जनप्रतिनिधि इस बात पर एकमत हैं, “सरकारी पद सेवा का माध्यम है, अहंकार का नहीं।” अब देखना होगा कि लखनऊ में शिरीष वर्मा खुद को सुधारते हैं या वहां भी जनता और शासन से टकराते हैं।