
पूरनपुर, पीलीभीत। ऑल इंडिया सिक्ख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल की ओर से गुरुद्वारा सिंह सभा बैल्हा में “सिक्खी बचाओ–धर्म बचाओ गुरमति समागम” का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में 15 लोगों ने स्वेच्छा से अपनी घर वापसी कर सिक्ख धर्म स्वीकार किया। गुरुवार कार्यक्रम में काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह जग्गी मुख्य अतिथि थे। समागम की शुरुआत संत बाबा गुरविंदर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की अरदास और कीर्तन से की। संगत ने श्रद्धा भाव से कथा विचार सुने। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह जग्गी ने कहा कि गुरुद्वारा बैल्हा प्रदेश का पहला गुरुद्वारा है जिसने धर्मान्तरण के विरोध में मुखर होकर आवाज बुलंद की है।
उन्होंने कहा कि सिक्ख इतिहास बलिदानों से भरा हुआ है। हमें अपने गुरुओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर धर्म की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के माध्यम से क्षेत्र में धर्मान्तरण की जानकारी मिली थी। इसके बाद काउंसिल ने यहां विशेष अभियान चलाया है। गुरुवार 15 लोगों ने सत्यापन पत्र सहित स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में लौटने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह कदम गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष गुरदयाल सिंह, छिंदर सिंह, सतनाम सिंह, राजप्रीत सिंह और जरनैल सिंह के प्रयासों से संभव हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित एक ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन में मांग की गई कि जबरन धर्मान्तरण करने वालों को सात से दस वर्ष तक कठोर कारावास की सजा दी जाए। इसमें यौन शोषण या अंधविश्वास जैसी गतिविधियाँ शामिल हों तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान किया जाए। राय सिक्ख समाज को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग की गई।काउंसिल के प्रदेश उपाध्यक्ष मेहताब सिंह भिंडर ने कहा कि जबरन धर्मान्तरण राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है।
जिला अध्यक्ष परमजीत सिंह (पीजी) ने बताया कि ज्ञापन में विदेशों से आने वाली धर्मान्तरण से जुड़ी धनराशि पर रोक और स्वेच्छा से घर वापसी करने वालों को सरकारी सहायता देने की भी मांग की गई है। कार्यक्रम के अंत में अरदास की गई और संगत को चाय-लंगर वितरित किया गया। उपस्थित लोगों ने “सिक्खी बचाओ–धर्म बचाओ” का संकल्प दोहराते हुए एकजुटता का संदेश दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सलाहकार गुरदयाल सिंह, जरनैल सिंह, जिला संयुक्त सचिव पपेन्द्र सिंह, जिला सचिव गुरप्रीत सिंह, जिला अध्यक्ष हरदीप सिंह छीना एवं प्रदेश समन्वयक अवधेश पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में संगत मौजूद रही।
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