
- तहसील परिसर में दो सफाई कर्मचारियों की है तैनाती
- पान मसाला के पीक से लाल पड़े तहसील भवन के कोने और लगे कूड़े के ढेर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे ‘स्वच्छ भारत मिशन’ पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजस्व निरीक्षक कक्ष में कूड़े का ढेर लगा है, और खिड़कियाँ पान के पीक से लाल हो चुकी हैं। उपजिलाधिकारी कार्यालय और न्यायालय के पास भी गंदगी का ढेर लगा है। यही हाल तहसीलदार न्यायालय के इर्द-गिर्द और पार्किंग स्थल पर भी देखा जा सकता है, जहाँ कूड़े के ढेर मौजूद हैं। शौचालयों में फैली गंदगी अनेकों बीमारियों को जन्म दे रही है।
सफाई कर्मचारी बन गए बाबू, अधिकारी आँखें मूँदे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तहसील परिसर में सफाई की इस बदहाली का एक बड़ा कारण यह है कि सफाई कर्मचारियों से न्यायालय और दफ्तरों में ‘बाबू’ का काम कराया जा रहा है। ऐसे में जब सफाई कर्मचारी बाबू बनकर बैठ जाएंगे, तो तहसील परिसर में साफ-सफाई तो भगवान भरोसे ही रहेगी। यह स्थिति सरकार की ‘स्वच्छ भारत मिशन’ जैसी महत्वपूर्ण मुहिम पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पलीता लगाने का काम कर रही है।
बरसात में जल-जमाव और बीमारियों का खतरा
बरसात का मौसम आते ही जल-जमाव की समस्या तो होती ही है, खासतौर से कूड़े और कचरे के ढेर से अनेकों बीमारियाँ जन्म लेती हैं। इसे लेकर प्रशासन और शासन के स्तर से एक बड़ा बजट भी खर्च किया जाता है, जिससे स्वच्छता अभियान को बढ़ावा मिल सके। लेकिन, सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए इतना बड़ा बजट खर्च होने के बाद भी सरोजनी नगर तहसील में तैनात अधिकारी स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं, जिसकी तस्वीरें बिल्कुल साफ बयां करती हैं।
अब देखना यह होगा कि इन गैर-जिम्मेदार अधिकारियों और बाबू बने सफाई कर्मचारियों पर कैसी कार्रवाई होती है।