
Patna News : अटल पथ पर उपद्रव, आगजनी और तोड़फोड़ एक सोची समझी साजिश थी। पुलिस का दावा है कि इसमें मुख्य साजिशकर्ता वार्ड पार्षद टूटू और अधिवक्ता श्वेत रंजन थे।
आरोपित पार्षद ने अधिवक्ता के साथ मिलकर अपने राजनीतिक लाभ, वर्चस्व और दोनों बच्चों की मौत मामले में मुआवजा की हिस्सेदारी को लेकर एक सप्ताह पहले ही हिंसा की पूरी तैयारी की थी।
इसमें पार्षद के कहने पर श्वेत रंजन ने दो गाड़ी से आठ बाहरी लोगों को बुलाया था। आठों लोगों को स्थानीय भीड़ में शामिल होकर उपद्रव मचाने के लिए ढाई-ढाई हजार रुपये दिए गए थे। पुलिस ने पार्षद, अधिवक्ता सहित उपद्रव में शामिल कुल 40 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने प्रेसवार्ता में कहा कि हिंसक घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और सात उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
62 लोगों से पूछताछ के बाद प्रमाणिक साक्ष्यों एवं वीडियो फुटेज के आधार पर 40 आरोपितों को चिन्हित कर दबोचा गया। अनुसंधान के क्रम में सामने आया है कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड वार्ड पार्षद टूटू था।
उसने पेशे से अधिवक्ता श्वेत रंजन से संपर्क किया। श्वेत मूल रूप से घोसवरी के रहने वाले है, लेकिन बोरिंग रोड में उनका आफिस है। श्वेत रंजन द्वारा जुटाए गए कई बाहरी लोग भीड़ में घुस गए और उन्हीं के द्वारा पुलिस बल व आम नागरिकों पर पथराव और आगजनी की गई।
पीड़ित परिवार पहले से ही अनुसंधान से संतुष्ट था, लेकिन वार्ड पार्षद ने उनके नाम का सहारा लेकर भीड़ को गुमराह किया। जांच में यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि अटलपथ उपद्रव की पूरी योजना राजनीतिक लाभ उठाने और संभावित मुआवज़ा हासिल करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
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